गाजियाबाद: यूपी सरकार ने 22 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का विधानमंडल में पहला पेपरलेस बजट पेश किया. इस बार विशेष रूप से गोशालाओं और निराश्रित पशुओं के लिए 80 करोड़ का प्रावधान रखा गया है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने गो सेवकों से की खास बातचीत.
यूपी बजट में गोशालाओं के विशेष ध्यान से गो सेवक खुश. गोवंशों की होगी अच्छी देखरेख
ईटीवी भारत को गो सेवक गुलशन राजपूत ने बताया कि यूपी के बजट में जिस तरह मुख्यमंत्री ने गोशालाओं और निराश्रित पशुओं के लिए 80 करोड़ रुपये का बजट रखा है. वह इससे बहुत खुश हैं, क्योंकि इससे अब गोवंशों की और अच्छी देखरेख हो सकेगी. इस बजट से गौ सेवकों में खुशी की लहर है.
ईटीवी भारत को गौ सेवक योगेंद्र सिंह ने बताया कि इस बजट से उन सभी में काफी उत्साह है. क्योंकि पहले देखने में जाता था कि गांव में बेसहारा पशुओं को मारा पीटा जाता था. लेकिन अब इस बजट में बेसहारा पशुओं के लिए गांवों में गौशाला खोलने का प्रावधान रखा गया है.
गांवों में खुलेंगी गौशालाएं
गौ सेवक योगेंद्र सिंह का कहना है कि उनको बजट से पहले उम्मीद थी कि इस बजट में गायों के लिए कुछ विशेष जरूर किया जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद एक गौ सेवक हैं. इसीलिए इस बजट में गायों का विशेष ध्यान रखा है. इसके साथ ही इस बजट में गरीब, मजदूर और समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा है.
धरातल पर नहीं उतरता बजट
गुलशन राजपूत का कहना है कि कभी-कभी देखने में यह आता है कि बजट धरातल पर नहीं उतरता है. क्योंकि गौशालाओं की हालत काफी खराब होती है. गौ सेवक हिमांशु चौधरी का कहना है कि वह इस बजट से काफी खुश हैं.