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नोएडा: 'स्वस्थ नारी मजबूत देश' के नारे के साथ निकाली गई साइकिल रैली

नोएडा में 'स्वस्थ नारी मजबूत देश' का नारा लेकर आज बिसरख थाना पुलिस की महिला सुरक्षा टीम के साथ डीसीपी महिला एवं बाल सुरक्षा के नेतृत्व में साइकिल रैली निकाली गई.

'स्वस्थ नारी मजबूत देश' के नारे के साथ निकाली गई साइकिल रैली
'स्वस्थ नारी मजबूत देश' के नारे के साथ निकाली गई साइकिल रैली

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Published : Feb 15, 2021, 6:17 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: 'स्वस्थ नारी मजबूत देश' का नारा लेकर आज ग्रेटर नोएडा वेस्ट में वुमन ऑन व्हील्स क्लब और बिसरख थाना पुलिस की महिला सुरक्षा टीम के साथ डीसीपी महिला एवं बाल सुरक्षा के नेतृत्व में साइकिल रैली निकाली गई. यह रैली करीब 7 किलोमीटर लंबी चली, जिसमें डीसीपी महिला सुरक्षा के साथ ही सोसायटी में रहने वाली महिलाएं भी शामिल थी, जो लोगों के बीच यह संदेश देने का काम कर रही थी कि महिलाएं घरों से निकले और अपने अधिकार को समझें.

इस दौरान सड़क पर लोगों को रैली के माध्यम से संदेश दिया गया कि महिलाओं को अब डरने की जरूरत नहीं है. डीसीपी महिला सुरक्षा का कहना है कि इस तरह के कार्यक्रम आगे भी जारी रहेंगे.

'स्वस्थ नारी मजबूत देश' के नारे के साथ निकाली गई साइकिल रैली
7 किलोमीटर लंबी निकाली गई महिलाओं की साइकिल रैली

डीसीपी महिला एवं बाल सुरक्षा वृंदा शुक्ला के नेतृत्व में गौर सिटी वन से महिलाओं को जागरूक करने के लिए मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत 7 किलोमीटर लंबी साइकिल रैली निकाली गई. जिसमें दर्जनों महिलाओं ने हिस्सा लिया. वहीं इस रैली में महिला पुलिसकर्मी भी शामिल रहीं. इस रैली के माध्यम से उन महिलाओं को जागरूक करने का काम किया गया है, जो डर और भय के चलते अपने घरों से नहीं निकलती हैं.

रैली में नारा दिया गया था कि 'स्वस्थ नारी मजबूत देश' इस नारे को हर आम महिला तक पहुंचाने का एक उद्देश्य रखा गया है. रैली में शामिल महिला विजेता पांडेय ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जब महिलाएं स्वस्थ और सशक्त होंगी तभी देश आगे बढ़ेगा और हर नारी को अपने अधिकार के लिए आगे आने की जरूरत है.

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डीसीपी महिला एवं बाल सुरक्षा का कहना

डीसीपी महिला एवं बाल सुरक्षा वृंदा शुक्ला ने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम एक नवीन पहल है और आगे भी इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए. इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि महिलाएं घरों से निकले और जो भी एक्टिविटी वर्क करना चाहती हैं, उसे खुलकर करें. किसी डर और भय में ना रहे.


उन्होंने कहा कि महिलाओं को आगे आने की जरूरत है और वह आगे आएं और खुद को सशक्त बनाए, तभी महिलाओं को अपने अधिकार के बारे में जानकारी होगी. एक महिला पढ़ी-लिखी होने से पूरा परिवार पढ़ा लिखा होता है और उसे अपने अधिकार और हक की जानकारी होना जरूरी है.

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