फिरोजाबाद: कोरोना महामारी का प्रभाव इस बार टीबी रोगी खोजो अभियान पर भी देखने को मिला. स्वास्थ विभाग की टीमें आठ सौ लक्ष्य के सापेक्ष केवल 53 मरीज ही खोज सकीं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मानते हैं कि इस बार कोरोना के डर की वजह से संदिग्ध मरीज जांच कराने नहीं आए. इस वजह से सभी मरीजों की खोज नहीं हो सकी.
26 दिसंबर से शुरू हुआ था अभियान
टीबी हारेगा और देश जीतेगा, टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत क्षय रोग से पीड़ित मरीजों को खोजने का अभियान एक महीने तक चला था. 26 दिसंबर से शुरू होकर 25 जनवरी तक यह अभियान 3 चरणों में चला. पहला चरण 26 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक, दूसरा चरण 2 जनवरी से लेकर 12 जनवरी तक और तीसरा चरण 13 जनवरी से लेकर 25 जनवरी तक चला. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की 232 टीमों ने फिरोजाबाद में घर-घर जाकर संदिग्ध मरीजों के बलगम और खून के नमूने लिए थे.