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दिल्ली की घटना से किसान नेताओं की छवि हुई खराबः भानु प्रताप सिंह - bhanu pratap singh said at the meeting

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में शनिवार को भारतीय किसान यूनियन भानु की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह चौहान ने तमाम महत्वपूर्ण बातें कहीं.

भारतीय किसान यूनियन भानु की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
भारतीय किसान यूनियन भानु की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

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Published : Jan 31, 2021, 7:15 AM IST

Updated : Jan 31, 2021, 10:36 AM IST

फिरोजाबादःदिल्ली की घटना से किसान नेताओं की छवि खराब हुई है, ऐसे में आंदोलन वापस लेना मजबूरी थी. यह बात जिले में शनिवार को भारतीय किसान यूनियन भानु की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह चौहान ने कही. दिल्ली आंदोलन को खत्म करने की घोषणा के बाद भारतीय किसान यूनियन भानु की बैठक फिरोजाबाद में प्रदेश कार्यालय पर बुलाई गई थी. इसमें तय किया गया कि उनका संगठन किसानों की स्थानीय समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन को वापस लेना उनकी मजबूरी थी लेकिन किसानों के हित में उनका संघर्ष जारी रहेगा.

भारतीय किसान यूनियन भानु की बैठक

आगे आएं युवा
फिरोजाबाद जिले के गांव इमलिया उम्मरगढ़ में भारतीय किसान यूनियन भानु का प्रदेश कार्यालय है. इसी कार्यालय पर राष्ट्रीय कार्यकारी की बैठक हुई. इसमें कई जिलों के पदाधिकारियों ने शिरकत की. सभी ने संगठन की मजबूती पर जोर दिया. साथ ही इस बात पर भी जोर दिया की संगठन की मजबूती के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए. बैठक में भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत से बात की और कहा कि पिछले 60 दिनों में उनके,अन्य पदाधिकारियों के दिल्ली आंदोलन में रहने की वजह से गांवों में बिजली, पानी और नहर में पानी न आने की स्थानीय समस्याएं इलाके में हावी हो गई हैं. इनसे किसान परेशान हैं. इन्हीं समस्याओं के विरोध में भारतीय किसान यूनियन भानु हर जिले में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेगी.

दिल्ली बार्डर पर जो जमे हैं उनका अपना स्वार्थ
दिल्ली में चले किसान आंदोलन से नाता तोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों की समस्याओं से मुंह नहीं मोड़ा है. किसानों की समस्याओं को और अधिक प्राथमिकता से उठाया जाएगा. उनके लिए संघर्ष किया जाएगा लेकिन दिल्ली में 26 जनवरी को जो कुछ हुआ उसे किसान और किसान नेताओं की साख खराब हो रही थी, इसलिए हमें उस आंदोलन से अलग होना पड़ा. उन्होंने यह भी ऐलान किया कि भविष्य में उनका संगठन किसी मोर्चे में शामिल नहीं होगा. किसानों की लड़ाई अपने दम पर लड़ेगा. जो किसान संगठन अभी भी दिल्ली बॉर्डर पर जमे हैं उनके अपने स्वार्थ हैं लेकिन भानु का कोई स्वार्थ नहीं है. उनका संगठन चाहता है कि किसानों की समस्याओं का हल हो और किसान आयोग का गठन हो.

Last Updated : Jan 31, 2021, 10:36 AM IST

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