उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

सिपाही के हंगामे के बाद मैस का खाना जांचने पहुंचे एडीजी, पढ़ाया अनुशासन का पाठ

फिरोजाबाद पुलिस लाइन की मैस के खाने की गुणवत्ता पर एक सिपाही द्वारा हंगामा करने के बाद खाना चेक करने के लिए एडीजी राजीव कृष्ण पुलिस लाइन पहुंचे. उन्होंने कहा कि किसी को भी अनुशासन नहीं तोड़ना चाहिए.

etv bharat
अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण

By

Published : Aug 13, 2022, 6:50 PM IST

फिरोजाबाद: जिले में चार पहले एक सिपाही ने पुलिस लाइन की मैस के खाने की गुणवत्ता पर हंगामा किया था. इस घटना को लेकर आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने शनिवार को मैस का निरीक्षण किया. उन्होंने सिपाहियों को हिदायत दी कि अगर किसी को कोई समस्या है तो सीधे अधिकारियों से शिकायत करें, पुलिस विभाग का अनुशासन न तोड़ें.

दरअसल, फिरोजाबाद पुलिस लाइन में तैनात सिपाही मनोज कुमार जिसकी ड्यूटी फिलहाल जनपद न्यायालय के सम्मन सेल में है, ने खाने की गुणवत्ता को लेकर हंगामा किया था. वह भोजन की गुणवत्ता से नाराज था. उसका कहना था कि उसे जो भोजन की थाली दी गई है उसमें दाल के नाम पर पानी और रोटिया सूखी और कच्ची हैं. आरोप था कि इन्हें इंसान तो क्या कुत्ता भी नहीं खा सकता है. सिपाही ने मीडिया के सामने रो-रो कर अपना दर्द बयां करते हुए रोटियों और दाल को भी दिखाया था. सिपाही ने पुलिस लाइन के बाहर जमकर हंगामा करते हुए उच्चाधिकारियों पर भी आरोप लगाया था कि उसकी बात को कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है.बल्कि उल्टा शिकायत करने पर उसे बर्खास्त करने की धमकी दी जा रही है.

अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण जानकारी देते हुए

यह भी पढे़ं:थाली लेकर रोने लगा सिपाही, कहा- मिल रही सूखी रोटी और पानी वाली दाल...देखें VIDEO

सिपाही के हंगामे के बाद एसएसपी ने भोजन की गुणवत्ता की जांच सीओ सिटी और सिपाही के आचरण की जांच सीओ लाइन को सौंपी है. इस मामले की गूंज लखनऊ तक भी पहुंच चुकी है. मामले की गंभीरता को भांपते हुए आगरा जोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने शनिवार को फिरोजाबाद पहुंचकर पुलिस लाइन के मैस की व्यवस्थाओं और खाने की गुणवत्ता को चैक किया. एडीजी राजीव कृष्ण ने कहा कि इस मैस में 200-250 पुलिसकर्मियों द्वारा खाना खाया जाता है और राजपत्रित अधिकारी भी खाना खाते हैं लेकिन कभी किसी ने खाने की गुणवत्ता की शिकायत नहीं की है. अभी एक कांस्टेबल द्वारा इसकी शिकायत की गई है इसीलिए इसकी जांच सीओ को सौंपी गई है.

यह भी पढ़ें:खाने को लेकर रोने वाले सिपाही का आरोप, अधिकारी कर रहे पागल घोषित करने की साजिश

एडीजी ने कहा कि पुलिस की नौकरी अनुशासित होती है इसलिए अगर किसी को शिकायत है तो वह उच्चाधिकारियों तक अपनी बात पहुंचा सकता है लेकिन किसी को भी अनुशासन नहीं तोड़ना चाहिए.


ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details