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Mahashivratri 2023 : ताम्बेश्वर मंदिर के ऐतिहासिक शिवलिंग से जुड़ी अनाेखी मान्यता, मन्नत मांग जेल से छूट जाते थे कैदी

फतेहपुर के ताम्बेश्वर मंदिर से काफी लाेगाें की आस्था जुड़ी हुई है. मान्यता है कि यहां के ऐतिहासिक शिवलिंग की पूजा से भक्ताें ही हर मुराद पूरी हाेती है. महाशिवरात्रि पर यहां काफी भीड़ जुटती है.

ताम्बेश्वर मंदिर के प्रति भक्ताें की अटूट आस्था है.
ताम्बेश्वर मंदिर के प्रति भक्ताें की अटूट आस्था है.

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Published : Feb 18, 2023, 2:28 PM IST

Updated : Feb 18, 2023, 3:57 PM IST

फतेहपुर :जिला मुख्यालय स्थित ताम्बेश्वर मंदिर के प्रति भक्ताें की अटूट आस्था है. यहां के शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं. महाशिवरात्रि पर यहां काफी भीड़ हाेती है. यह मंदिर जेल के गेट के सामने हैं. मान्यता रही है कि यहां पूजा-पाठ करने से जेल में बंद कैदी भी जल्द छूट जाते थे.

ताम्बेश्वर मंदिर के प्रमुख महन्त राघवेन्द्र महाराज बताते हैं कि मंदिर के दर्शन मात्र से जिला जेल में बंद कैदी सजा से भी मुक्त हो जाते थे. यह भगवान शिवजी को समर्पित ऐतिहासिक मंदिर है. मंदिर पहले गोल गुम्बदी था, अब इसका निर्माण हुआ है. मंदिर में भक्तों व भगवान के बीच श्रद्धा और विश्वास का अटूट संबंध देखने को मिलता है. मंदिर के गर्भ में अनेकों देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं. अर्ध नारीश्वर की मूर्ति भक्तों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है.

फतेहपुर के ताम्बेश्वर मंदिर में पूजा का अलग महत्व है.

महंत ने बताया कि प्रत्येक सोमवार को विशेष तौर पर भक्तों की भीड़ यहां उमड़ती है. महाशिवरात्रि व सावन में पड़ोसी जनपदों के कांवड़िए भी यहां जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं. शहर मुख्यालय के आबूनगर मोहल्ले में स्थित ताम्बेश्वर बाबा का मंदिर अति प्राचीन है. ये शिवालय हमेशा से की भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है. यहां भक्तों को भगवान शिव ने शिवलिंग के रूप में प्रकट होकर दर्शन दिया था. इस स्थान पर भक्तों ने ताम्बेश्वर बाबा के मंदिर का निर्माण कराया. शिवलिंग व अर्धनारीश्वर की मूर्ति की स्थापना की.

फतेहपुर के ताम्बेश्वर मंदिर में पूजा-पाठ के लिए आसपास के जिलाें से भी भक्त पहुंचते हैं.

मंदिर के महंत ने बताया कि मेरे गुरुजी बताते थे कि प्राचीन समय में भक्त शिव की तपस्या में लीन हो गए थे. खुश होकर धरती चीरकर भगवार शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे. फतेहपुर के भक्त अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि इस मंदिर के बारे में एक मान्यता यह भी है कि जिला जेल का मुख्य द्वार और इस मंदिर का द्वार आमने-सामने था. जब किसी कैदी की पेशी होती थी और यदि उसने शिवमंदिर के दर्शन कर लिए और सजा से मुक्त होने की मन्नत मांग ली तो वह भगवान शिव जी की कृपा से जल्द जेल से बाहर आ जाता था. जब कारागार अधीक्षक को इस बात का पता चला ताे उन्हाेंने जेल का मुख्य द्वार पूर्व से दक्षिण दिशा की ओर करा दिया था.

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Last Updated : Feb 18, 2023, 3:57 PM IST

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