फतेहपुर: फतेहपुर जिला एवं सत्र न्यायालय ने सात साल पहले चचेरी बहन से प्यार और हत्या के मामले में बुधवार को फैसला सुनाया है. अपर सत्र न्यायालय पॉस्को कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश विनोद कुमार चौरसिया की अदालत ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 13 हजार रुपये का अर्थदंड देने का फैसला सुनाया है. जुर्माने की राशि अदा न करने पर आरोपी को अतिरिक्त सजा भी भोगनी पड़ेगी.
अभियोजक देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि थरियांव थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार ने 20 सितंबर 2016 को पुलिस को तहरीर देकर बताया कि शीला की शादी सुल्तानपुर घोष के रहने वाले राजकुमार तिवारी से हुई थी. पति गुड़गांव की एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है. उसी दिन करीब नौ बजे सुबह शीला खागा स्थित पंजाब नेशनल बैंक से पैसे निकालकर फोन पर बच्चों के कपड़े खरीद कर घर वापस जाने की बात पति को बताई, लेकिन महिला जब देर रात तक घर नहीं पहुंची तो उसके देवर प्रेम कुमार ने इस बात की जानकारी भाई राजकुमार को दी.
यह सुन राजकुमार ने अपने ससुर लक्ष्मीकांत द्विवेदी को इसकी सूचना दी और दूसरे दिन गुरुग्राम से राजकुमार वापस गांव आ गया और महिला की खोजबीन शुरू की. इस बीच गांव के कुछ लोगों ने महिला को अजय द्विवेदी उर्फ रज्जन के साथ मोटरसाइकिल से खागा बाईपास की ओर जाते देखे जाने की जानकारी दी. इसके बाद परिजन थाने में गुमशुदगी दर्ज कराने गए तो पता चला कि एक महिला का हसवा चौकी क्षेत्र में शव बरामद हुआ है, जिसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखवाया गया है. इस पर परिजन मोर्चरी हाउस पहुंचे और शव की पहचान शीला के रूप में की. इसके बाद परिजनों ने महिला की हत्या का संदेह जताते हुए अजय द्विवेदी उर्फ रज्जन निवासी करनपुर थाना सुल्तानपुर घोष पर आरोप लगाते हुए थरियांव थाने में तहरीर दी.