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प्रयागराज में लोगों ने लगाई आस्था की डूबकी तो नहीं दिखी वाराणसी में रौनक

फर्रुखाबाद में कोरोना महामारी के चलते जिले के गंगा तट के पंचाल घाट पर गंगा दशहरा के मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डूबकी लगाई. इस बीच जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ीं.

कोरोना महामारी पर आस्था भारी
कोरोना महामारी पर आस्था भारी

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Published : Jun 20, 2021, 10:35 AM IST

Updated : Jun 20, 2021, 1:39 PM IST

फर्रुखाबादः कोरोना महामारी को लेकर जिले के गंगा घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े. मौका था गंगा दशहरा का. इस बीच श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ायीं. जिला प्रशासन के रोक के बावजूद भी हजारों की तादात में श्रद्धालु गंगा घाट पर पहुंचे थे.

गंगा दशहरा पर आस्था की डूबकी

गंगा दशहरा पर पुण्य की डूबकी लगाने के लिए आधी रात से ही गंगा तटो पर श्रद्धालुओं का हुजूम जुटने लगा. जिससे प्रशासन की आधी अधूरी तैयारियों के बीच गंगा दशहरा का स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को जाम का सामना करना पड़ा. यहां लोगों ने गंगा स्नान कर पूजा अर्चना की. मान्यता ये है कि दशहरा के दिन ही राजा भागीरथ गंगा को स्वर्ग से धरती पर लाए थे. इस दिन गंगा स्नान से पुण्य मिलता है. आपको बता दें कि हर साल ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है. इस दौरान गंगा घाटों पर हर साल लाखों श्रद्धालु डूबकी लगाते हैं. फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ गंगा घाटों पर देखी जा सकी है. इसके अलावा किला घाट में भी स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा घाटों पर पहुंच रहे हैं. दशहरा स्नान को लेकर गुरुवार की रात से ही पांचालघाट पर श्रद्धालु पहुंचने लगे थे.

प्रयागराज में लोगों ने लगाई आस्था की डूबकी तो नहीं दिखी वाराणसी में रौनक

गंगा पूजन के बाद स्नान किया गया. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डूबका लगाई. शहरी इलाके के बजाय देहात से खूब भीड़ आई. ट्रैक्टर के अलावा पैदल, साइकिल और दूसरे वाहनों से भी लोग पहुंचते रहे. पांचाल घाट चौराहे से पुल तक भीड़ का सैलाब नजर आया.

संगमनगरी में भी श्रद्धालुओं की रही भीड़

उधर, मां गंगा के पृथ्वी पर आने के पर्व गंगा दशहरा पर संगम नगरी प्रयागराज में श्रद्धालु आस्था की डूबकी लगा रहे हैं. दूर-दूर से श्रद्धालु आकर संगम में स्नान कर दान पुन्य कर रहे हैं. इस दिन गंगा में स्नान करने की मान्यता ये है कि अनजाने में किए गए पापों से इंसानों को मुक्ति मिल जाती है.

कोरोना महामारी पर आस्था भारी

कोविड-19 की वजह से वाराणसी के घाटों पर नहीं दिखी रौनक

वहीं धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी पर वैश्वक महामारी का असर गंगा घाटों पर दिखा. वीकेंड लॉक डाउन की वजह से गंगा दशहरा के दिन लोग घाटों पर नजर नहीं आए. जो लोग घाटों पर आ भी रहे थे, उन्हें पुलिस वापस भेज दे रही थी. आज के दिन वाराणसी के 84 घाटों पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आकर मां गंगा का पूजा अर्चना कर स्नान करते थे. स्नान करने के बाद फिर जल लेकर बाबा विश्वनाथ को अर्पित करते थे. देश के कोने-कोने से लोग आज के दिन मां गंगा में स्नान करके आशीर्वाद प्राप्त करते थे.

इसे भी पढ़ें- Ganga Dussehra 2021: गंगा दशहरा पर करें इन मंत्रों का जाप, इन 10 पापों से मिलेगी मुक्ति

उधर, कन्नौज में भी कोरोना महामारी के बीच गंगा दशहरा पर महादेवी गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह ही स्नान के लिए श्रद्धालु गंगा घाट पहुंचने लगे. इस दौरान गंगा घाट पर कोविड नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. घाट पर ज्यादातर श्रद्धालु बिना मास्क के ही दिखे. श्रद्धालुओं ने गंगा में डूबकी लगाने के बाद मंदिरों में विधि विधान से पूजा अर्चना की.

वहीं बात आगरा की करें, तो बाह तहसील क्षेत्र के तीर्थ बटेश्वर के यमुना नदी और पिनाहट की चंबल नदी घाटों पर साप्ताहिक लॉक डाउन में दशहरा पर्व पर स्नान करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. कोरोना संक्रमण को देखते हुए लगी रोक को दरकिनार करते हुए लोग इकट्ठा हुए. इस दौरान उन्होंने कोविड-19 नियमों की अनदेखी भी की.

Last Updated : Jun 20, 2021, 1:39 PM IST

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