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संजय निषाद ने स्वामी प्रसाद मौर्य को बताया अधर्मी, बोले- सत्ता में खाई मलाई, अब कह रहे अपशब्द - संजय निषाद

Etawah River Racing Event : कहा कि पहले जब स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा के साथ सत्ता में थे तो मलाई खा रहे थे. तब उन्हें सभी धर्म अच्छे लग रहे थे. लेकिन, जब सत्ता से बाहर हो गए तो उन्हें हिंदू धर्म खराब लग रहा है. ऐसे शख्स अधर्मी होते हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 26, 2023, 6:36 PM IST

इटावा: योगी सरकार में मत्स्य मंत्री संजय निषाद मंगलवार को इटावा पहुंचे. यहां उन्होंने रिवर रेसिंग कार्यक्रम में शिरकत की. यहां पर उन्होंने तालाब और नदियों में मछली छोड़ने का काम किया. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से रोजगार बढ़ेगा और लोगों को रोजगार मिलेगा. स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर पूछे गए मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले जब स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा के साथ सत्ता में थे तो मलाई खा रहे थे. तब उन्हें सभी धर्म अच्छे लग रहे थे. लेकिन, जब सत्ता से बाहर हो गए तो उन्हें हिंदू धर्म खराब लग रहा है. ऐसे शख्स अधर्मी होते हैं.

इटावा मत्स्य विभाग द्वारा यमुना नदी किनारे पापेश्वर महादेव काली वाहन मंदिर के सामने 50,000 मत्स्य बीजों का प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री संजय निषाद के द्वारा संचय कराया गया. इस अवसर पर मत्स्य मंत्री ने कहा कि 67 वर्षों में पूर्व की सरकारों ने मछुआ समुदाय के उत्थान के लिए 3000 करोड़ रुपए खर्च किया था. हमारी 6 वर्ष की सरकार ने 39000 करोड़ खर्च कर मछुआ समुदाय का उत्थान किया है.

मत्स्य बीज संचय गतिविधि शुरू की गई है. इससे नदियों में मछली उत्पादन को विस्तार, गहराई, विविधता, पानी को स्वच्छ करने में सहयोग मिलता है. पूर्व की सरकारों ने नदियों से सिर्फ मछली का दोहन किया, जिससे मछलियां नदियों में कम हो गईं. इससे मछुआ समुदाय का रोजगार छिन गया. वह मछली व्यवसाय के अतिरिक्त अन्य कार्यों में लिप्त हो गए.

आज उनको पुनः हरित क्रांति से जोड़ते हुए उन्हें मत्स्य व्यवसाय करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके लिए उनकी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से लाभान्वित कर फायदा करा रही है. मत्स्य संसाधन के सतत उपयोग और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए यह रिवर रैंकिंग का कार्यक्रम शुरू किया गया है. यह कार्यक्रम स्थाई मत्स्य पालन प्राप्त करने, जैव विविधता के संरक्षण, सेवाओं का आकलन करने, सामाजिक आर्थिक विकास करने में मददगार साबित हो रहा है.

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