एटा:जिला अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम मे डालकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं. अस्पताल में जिस जगह सामान्य मरीजों के खून की जांच होती है, वहां पर बगल के कमरे में रोजाना दर्जनों की संख्या में लोग कोरोना वायरस की जांच कराने पहुंचते हैं. इसमें कई लोग पॉजिटिव भी निकलते हैं. वे स्वास्थ्य कर्मियों से जानकारी लेते हैं. अभी कुछ दिन पूर्व भी एक शख्स की कोरोना वायरस जांच अस्पताल में हुई थी. रिपोर्ट पॉजिटिव आई. बताया यह जा रहा है कि संक्रमित शख्स इलाज के लिए सीएमओ कार्यालय को फोन करता रहा. जवाब न मिलने पर वह जिला अस्पताल पहुंच गया. इस तरह के खतरों से यहां के स्वास्थ्य कर्मियों को रोजाना दो-चार होना पड़ता है.
दरअसल जिला अस्पताल में सामान्य मरीजों से अलग कोरोना वायरस जांच के लिए जो जगह निर्धारित की गई थी, वहां पर अभी जांच नहीं हो पा रही है. मौजूदा समय में जिस जगह कोरोना वायरस की जांच की जा रही है, वहां पर सामान्य मरीज भी खून की जांच कराने पहुंचते हैं. अंतर सिर्फ इतना होता है कि सामान्य मरीजों की खून की जांच दूसरे कमरे में होती है और कोरोना मरीजों की जांच दूसरे कमरे में. वहीं जांच से पहले कोरोना वायरस की जांच कराने पहुंचे लोग और सामान्य मरीज एक साथ एक बरामदे में ही इकट्ठा होते हैं. बरामदे में सोशल डिस्टेंसिंग नाम की कोई चीज नहीं होती है. कुल मिलाकर अपनी जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य कर्मी औक चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे हैं.