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मोहन भागवत से बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य, DNA वाला बयान ठीक नहीं

7 दिवसीय दौरे पर चित्रकूट पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कल शाम जगद्गुरु रामभद्राचार्य से उनके तुलसी पीठ निवास पर मुलाकात की. करीब डेढ़ घंटे चली मुलाकात में दोनों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई. जगद्गुरु ने मोहन भागवत के उनके डीएनए वाले बयान पर नाराजगी भी जताई.

मोहन भागवत से बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य
मोहन भागवत से बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य

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Published : Jul 8, 2021, 2:11 PM IST

Updated : Jul 8, 2021, 2:21 PM IST

चित्रकूटः 7 दिवसीय दौरे पर धर्म नगरी चित्रकूट पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री के 9 नवरत्नों में से एक जगद्गुरु रामभद्राचार्य से मुलाकात की. मुलाकात के बाद जगद्गुरु का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भागवत के डीएनए वाले बयान पर उन्होंने उनसे नाराजगी जताई है. जगद्गुरु ने मोहन भागवत से कहा कि आपका डीएनए वाला बयान मुझे अनुकूल नहीं लगा. इसके अलावा उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार के कामकाज पर भी भागवत से चर्चा की और कुछ मुद्दों पर नाराजगी जताई.

बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत क चित्रकूट दौरे का आज तीसरा दिन है. कल उन्होंने देर शाम पद्मश्री से सम्मानित जगद्गुरु रामभद्राचार्य से मुलाकात करने के लिए उनके तुलसी पीठ निवास पर पहुंचे. जहां उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी से शिष्टाचार भेंट की. इस मौके पर उनके साथ संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होशबोले, राम जन्मभूमि के ट्रस्टी चंपत राय, भैया जी जोशी, पूर्व सहकार्यवाह सुरेश सोनी मौजूद रहे.

मोहन भागवत से बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य.

जगद्गुरु रामभद्राचार्य से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी के लगभग डेढ़ घंटे तक की मुलाकात चली. जिसके बाद जगदगुरु ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि चित्रकूट विकास परिषद गठन होने पर अब कोई चित्रकूट का विकास नहीं रोक पाएगा. चित्रकूट के मानसिक विकास ना होने से मैं चिंतित हूं. जगद्गुरु ने कहा कि मोहन भागवत यहां आने के लिए उचित समझा इसलिए वह आए थे. मैंने उन्हें राष्ट्रीय देवो भवः का आशीर्वाद दिया है कि राष्ट्र को ही देवता मानो. बता दें कि बीते रविवार को मुस्लिम मंच के एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि लिंचिंग (पीट-पीटकर मार डालने) की घटनाओं में शामिल लोग हिन्दुत्व के खिलाफ हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि लोगों के खिलाफ लिंचिंग के कुछ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं.

भागवत ने मुसलमानों से कहा, वे भय के इस चक्र में न फंसें कि भारत में इस्लाम खतरे में है. उन्होंने कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं है. आरएसएस प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों का गौरव होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिन्दू-मुस्लिम संघर्ष का एकमात्र समाधान संवाद है, न कि विसंवाद. भागवत ने इस अवसर पर ख्वाजा इफ्तकार अहमद की किताब 'द मीटिंग ऑफ माइंड्स' का विमाचेन भी किया. उन्होंने कहा, हिन्दू-मुस्लिम एकता की बात भ्रामक है क्योंकि वे अलग नहीं, बल्कि एक हैं. सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों.

पढ़ें- RSS चीफ के बयान पर 'दंगल', दिग्विजय का सवाल- बीजेपी बताए क्या भागवत मुस्लिम परस्त हैं ?

दोबारा बनेगी बीजेपी की सरकार

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के डीएनए वाले बयान पर उनसे ही नाराजगी जताई. बकौल जगद्गुरु उन्होंने मोहन भागवत से कहा कि आपका डीएनए वाला बयान मुझे अनुकूल नहीं लगा. इसके अलावा मुलाकात में उनसे भगवान श्रीराम को लेकर चर्चा हुई. उत्तर प्रदेश में भौतिक विकास काफी कर चुके हैं और यूपी में दोबारा सरकार भी बनेगी. हालांकि जगद्गुरु ने कहा कि यहां के जिला पंचायत से मैं संतुष्ट नहीं हूं. जिला पंचायत में बहुत भ्रष्टाचार है, इसलिए यहां विकास प्राधिकरण होना चाहिए. राष्ट्र को कैसे विकसित किया जाए इसके लिए मैंने मोहन भागवत को मार्गदर्शन दिया है. पहले राष्ट्र का मन बदला जाए बिना मन बदलें, राष्ट्र से भ्रष्टाचार दूर नहीं होगा.

Last Updated : Jul 8, 2021, 2:21 PM IST

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