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बुलंदशहर में प्रवासी कामगारों को रोजगार देने में जुटा प्रशासन

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में प्रवासी मजदूरों को काम दिलाने के लिए सेवायोजना विभाग लगातार प्रयासरत है. इसके लिए प्रवासी कामगारों की स्किल मैपिंग भी कराई जा रही है. साथ ही रोजगार मेला, मनरेगा और अन्य तरीकों को इन कामगारों को रोजगार दिलाने की कवायद की जा रही है.

बुलंदशहर
प्रवासी मजदूरों को रोजगार

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Published : Jul 7, 2020, 11:53 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: प्रदेश सरकार की मंशा के मुताबिक प्रत्येक जिले में बाहर से वापस आए हुनरमंद प्रवासी कामगारों को उनके मुताबिक काम मिल सके, इसके लिए योगी सरकार स्किल मैपिंग करा रही है. बुलंदशहर में कुछ लोग अब जहां स्वरोजगार के लिए आवेदन कर रहे हैं, वहीं कुछ नौकरी करना चाहते हैं. सेवायोजन विभाग ने सभी जिलों के प्रवासी कामगारों की अलग-अलग श्रेणी बनाकर विभागों को ब्यौरा भेजा है.

देशभर में कोरोना संक्रमण काल चल रहा है और ऐसे में स्वाभाविक है कि महामारी के इस दौर में जो कामगार वापस लौटे हैं उनके पास कोई काम नहीं है. उनके लिए योगी सरकार की ओर से भी लगातार स्वरोजगार से लेकर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कोशिशें हो रही हैं. इसमें सेवायोजन विभाग लगातार इन दिनों सक्रिय नजर आ रहा है. सेवायोजन विभाग में अब तक जिले के करीब 13,000 से अधिक प्रवासी कामगारों की स्किल मैपिंग भी हो चुकी है.

जिला सेवायोजन अधिकारी शशिभूषण उपाध्याय ने बताया कि 470 लोगों की काउंसलिंग भी यहां की गई है. जानकारी के मुताबिक काउंसलिंग के दौरान जिले के रहने वाले प्रवासी कामगारों के मन में अब अपना स्वयं का काम करने की भी इच्छा है. इतना ही नहीं जिम्मेदार अधिकारी मानते हैं कि कुछ कामगार अब वापस जाना ही नहीं चाहते. इस बारे में जिला सेवायोजन अधिकारी शशिभूषण उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने इस दौरान यहां कुशल, अर्धकुशल और अकुशल कामगारों का अलग-अलग ब्यौरा तैयार किया है और संबंधित जिले की एजेंसीज को इनका ब्यौरा उपलब्ध कराया गया है, ताकि इनको काम मिल सके.

प्रवासी कामगारों की हुई स्किल मैपिंग

जिले में 13,680 प्रवासी कामगारों की सेवायोजन विभाग ने स्किल मैपिंग की है. इनको अलग-अलग श्रेणीवार विभाजित करते हुए चिन्हित किया गया है. इनमें से 1573 कुशल, 789 अर्धकुशल और 11,318 अकुशल प्रवासी कामगारों को छांटा गया है. जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक 90 आवेदकों ने स्वरोजगार के लिए भी इच्छा जाहिर की है, जिन्हें ऋण दिलाने के लिए शासन की मंशा के मुताबिक सेवायोजन विभाग की तरफ से संबंधित विभागों को भेज दिया गया है. इनमें जिला ग्रामोद्योग विभाग, नाबार्ड, पशुपालन विभाग एवं अन्य विभाग शामिल हैं.

रोजगार मेले का भी हुआ आयोजन

जिला सेवायोजन अधिकारी ने बताया कि कोरोना काल में वापस अपने घर लौटे लोगों की करियर काउंसलिंग की जाती है. साथ ही उनसे पूछा जाता है कि वह किस तरह से क्या स्वरोजगार करना चाहते हैं. इसके बाद जो भी उनकी सहमति होती है, उसके आधार पर उनका ब्यौरा एकत्र किया जाता है. उन्होंने बताया कि ऐसे सभी लोगों का कंप्यूटर पर रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है. हाल ही में जून के आखिर में रोजगार मेले का आयोजन किया गया था. इसमें 105 लोगों को बुलंदशहर जिले में रोजगार मिला है और उनमें से 53 प्रवासी श्रमिकों को भी जॉब मिली है.

जिला स्तरीय एजेंसीस को उपलब्ध कराई गई श्रमिकों की सूची

जिला सेवायोजन अधिकारी ने बताया कि जिनेवा क्राफ्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक रिटेल मार्केटिंग की कंपनी ने इन्हें हायर किया है. सभी जिला स्तरीय एजेंसीज को कुशल, अर्धकुशल और अकुशल श्रमिकों की सूची उपलब्ध करा दी गई है, जिनमें मुख्य तौर पर परियोजना निदेशक, डीडीओ, खादी ग्रामोद्योग, समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, एलडीएम पंजाब नेशनल बैंक, एलडीएम नाबार्ड समेत जिला रोजगार समिति के सदस्यों को ब्यौरा उपलब्ध कराया गया है.

मनरेगा से भी मिला काम

सेवायोजन अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी के मार्गदर्शन से जिले के मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक पांडेय के निर्देशन के बाद इस दिशा में काफी तेजी से काम हो रहा है. बता दें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत भी 7009 कामगारों को आच्छादित किया गया है. योगी सरकार की मंशा है कि सभी कामगारों को काम मिले और जो स्वरोजगार से जुड़ना चाहते हैं, उन्हें रोजगार मिले. इसके लिए तमाम कोशिशें जारी हैं. पिछले माह प्रवासी श्रमिक सहायता केंद्र का गठन भी किया गया है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

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