बिजनौर:शहर में विजय दशमी के अवसर पर मुस्लिम कारीगर रावण का पुतला बनाने में जी जान से जुटे हैं. ये मुस्लिम कारीगर पिछले कई सालों से रावण का पुतला बनाकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं.
इस मुस्लिम परिवार का भी दशहरा से गहरा नाता है. बुराई पर अच्छाई की जीत को लेकर मनाए जाने वाला दशहरा का त्योहार मुस्लिम परिवार भी मनाते हैं. रामलीला मैदान में रावण के पुतले का दहन किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें-बाराबंकी: प्रत्येक वर्ष एक ही पंडाल के नीचे मां दुर्गा की 8 अलग-अलग प्रतिमाएं की जाती हैं स्थापित
दशहरे का त्योहार हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल
दशहरे के त्योहार में रावण का पुतला बनाने वाले कोई और नहीं, बल्कि बिजनौर के मुस्लिम कारीगर हैं.ये मुस्लिम कारीगर आज से नहीं, बल्कि अपने पिता और दादा के जमाने से रावण का पुतला बनाते चले आ रहे हैं.
यह त्योहार जिले में हिन्दू और मुस्लिम की एकता का प्रतीक भी है. इस पुतले को बनाने में लगभग कई हजार का खर्चा आता है. ये कारीगर बांस से रावण के पुतले को तैयार कर रहे हैं. इन पुतलों की लंबाई लगभग 20 फीट होगी.
कारीगर का कहना है
यह पुतला लगभग 1 महीने से बना रहे हैं. इस पुतले को बनाने में लगभग कई हजार का खर्चा आ जाता है. बांस से रावण के पुतले को तैयार कर रहे है. इन पुतलों की लंबाई लगभग 20 फीट होगी.
अंतिम रूप से तैयार होने के बाद विजय दशमी के दिन सुबह रामलीला मैदान में पहुंचाया जाएगा. शाम को रावण के पुतले को जलाकर समाज में बुराई पर अच्छाई की जीत का आम जनता में संदेश दिया जाएगा.