बस्ती: फरार घोषित हो चुके अमरमणि त्रिपाठी को बस्ती पुलिस एक बार फिर कोर्ट में हाजिर नहीं कर सकी. इस पर कोर्ट ने बस्ती के एसपी को जमकर फटकार लगाई है. इतना ही नहीं बस्ती के कोतवाल को मामले में भ्रम पैदा करने वाला बताया है. साथ ही कोर्ट ने कोतवाल के खिलाफ अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने पर नोटिस देकर कोर्ट में तलब किया है. अमरमणि त्रिपाठी 22 साल पहले बस्ती के व्यवसायी के बेटे के अपहरणकाण्ड के मुख्य आरोपी हैं. बस्ती की एमपी एमएलए कोर्ट में उन्हें पेश होना था.
22 साल पुराने अपहरण के मामले में मुख्य आरोपी हैं अमरमणि त्रिपाठीः22 साल पहले बस्ती के एक व्यवसायी के पुत्र के अपहरण मामले में मुख्य आरोपी अमरमणि त्रिपाठी और बस्ती पुलिस के बीच आंख मिचौली का खेल जारी है. ये हाल तब है जब कोर्ट खुद हर तारीख पर बस्ती पुलिस को आदेश पर आदेश दे रही है कि अमरमणि त्रिपाठी को हर हाल में पेश करें. लेकिन, बस्ती पुलिस को अमरमणि त्रिपाठी खोजे नहीं मिल रहे हैं.
अमरमणि त्रिपाठी को पकड़ने के लिए बनीं तीन टीमेंःऐसा नहीं है कि बस्ती पुलिस अमरमणि त्रिपाठी को पकड़ने के लिए पसीना नहीं बहा रही है. कोर्ट की फटकार के बाद आनन फानन में बस्ती के पुलिस अधीक्षक ने एक विशेष टीम गठित करने के साथ-साथ एसओजी और सर्विलांस सहित तीन टीमों को अमरमणि त्रिपाठी की गिरफ्तारी के लिए लगाया. लेकिन, बस्ती पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी अमरमणि हैं कि मिलने का नाम नहीं ले रहा है.
कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी की संपत्ति कुर्क करने के दिए आदेशःइस पर कोर्ट ने अमरमणि की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं. आदेश पर कार्रवाई करते हुए बस्ती पुलिस ने अमरमणि त्रिपाठी के गोरखपुर के हुमायूंपुर मुहल्ले में स्थित मकान पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया था कि इसे देखकर ही अमरमणि त्रिपाठी बस्ती कोर्ट में पेश हो जाएं. लेकिन, अमरमणि तो अमरमणि ठहरे, वह कोर्ट में पेश नहीं हुए. इस पर कोर्ट ने एक बार फिर बस्ती पुलिस को जमकर लताड़ा.
पिछली तारीख पर भी अमरमणि त्रिपाठी कोर्ट में नहीं हुए पेशःएक नवंबर की तारीख पर जब अमरमणि कोर्ट में पेश नहीं हुए तो बस्ती की एमपी एमएलए कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई थी. इसके बाद बस्ती पुलिस ने अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया था. बस्ती पुलिस ने आनन फानन में अमरमणि त्रिपाठी की गिरफ्तार करने के लिए तीन टीमों को लगाया. लेकिन, इतना कुछ करने के बाद भी बस्ती पुलिस के हाथ खाली ही निकले और वह आज भी अमरमणि को कोर्ट में हाजिर करने में असमर्थ रही.
कोर्ट ने बस्ती कोतवाल को किया तलबःइस पर कोर्ट ने बस्ती एसपी पर तल्ख टिप्पणी करते हुए मामले में उन पर कोई भी प्रभावी कार्रवाई न करने का दोषी माना. बात यहीं नहीं रुकी. कोर्ट ने बस्ती के कोतवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस मामले में कोतवाल अभियुक्त को भ्रमित कर रहे हैं. क्योंकि, उन्हें यह आदेश दिया गया था कि अमरमणि त्रिपाठी की फरारी की उद्घोषणा को समाचार पत्र में इश्तेहार के रूप में निकलवाएं. लेकिन, उन्होंने समाचार पत्र में जो इश्तेहार निकलवाया उसमें इस मामले को "न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट" में विचाराधीन होना दिखाया गया है जबकि यह मामला एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा है. इस पर कोर्ट ने बस्ती के कोतवाल को अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने का दोषी मानते हुए उन्हें नोटिस जारी कर दिया.