बस्तीः एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को स्वच्छ और सुंदर रखने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जिले का यह मेडिकल कॉलेज उनके इस अभियान पर पानी फेर रहा है . दरअसल ओपेक चिकित्सालय कैली को भले ही मेडिकल कालेज का हिस्सा बना दिया गया हो, लेकिन वहां की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है.
कैली परिसर में वर्षों से पड़ा डंप कूड़ा लोगों की बीमारी का कारण बना हुआ है. हालत यह है कि परिसर में निवास करने वालें लोगों को सांस तक लेना दूभर हो गया है. मेडिकल प्रशासन की इस लापरवाही के चलते गंदगी, जलजमाव और कूड़े का ढेर कैंपस की पहचान बन गया है.
कूड़ा बना लोगों की बीमारी का कारण
लोगों की सेहत सुधारने वाला विभाग खुद लोगों की सेहत को बिगाड़ने में लगा हुआ है. जिले का ओपेक चिकित्सालय कैली को भले ही मेडिकल कालेज का हिस्सा बना दिया गया हो, लेकिन उसकी व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है. कैली परिसर में रहने वाले बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन मेडिकल प्रशासन वर्षों से पड़े डंप कूड़े को हटवाने का नाम नहीं ले रहा है.
संक्रामक बीमारियों का शिकार हो रहे स्थानीय निवासी
- परिसर में फैली इस गंदगी के चलते आवासों में रहने वाले अनेक परिवार संक्रामक बीमारियों के शिकार हो गए है.
- पहले बुखार और अब डेंगू ने यहां के लोगों को अपने गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है.
- अस्पताली कचरा और गंदगी के चलते इस परिसर में निवास करने वालो का सांस तक लेना दूभर हो गया है.
- परिसर में बने आवास तक झाड़ियों से घिरे गए है.
मेडिकल कॉलेज बनने और ओपेक चिकित्सालय कैली मेडिकल प्रशासन के पास जाने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि इसके दिन बहुरेंगे और वर्षों से नारकीय जीवन जी रहे लोगों को इससे निजात मिलेगी, लेकिन हालात नहीं बदले. गंदगी के चलते मच्छरजनित रोगों ने यहां दस्तक दे दी है. परिसर में अनेक लोग डेंगू जैसे जानलेवा बीमारी की चपेट में आ गए हैं.