उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बस्ती: हवा में झूल रहा 9 करोड़ का विकास, बनने के बाद भी नहीं चालू हो सका पुल

यूपी के बस्ती में कई ऐसे विकास कार्य हैं जो बजट के अभाव या फिर विभागीय हीलाहवाली की वजह से रुके हुए हैं. यहां एप्रोच मार्ग न होने से नौ करोड़ की लागत से बना मनोरमा नदी के पिपरा घाट का पुल हवा में झूल रहा है. उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम द्वारा निर्मित पुल पिछले 6 माह से बनकर तैयार है, मगर एप्रोच न होने से बेकार पड़ा हुआ है. इसकी वजह से लगभग 25 गांव को जोड़ने वाला यह पुल बेमतलब साबित हो रहा है.

By

Published : Dec 25, 2019, 11:47 PM IST

etv bharat
हवा में झूल रहा 9 करोड़ का विकास.

बस्ती: जिले में मनोरमा नदी के पिपरा घाट पर बना पुल पिछले 6 महीने से बनकर तैयार है, लेकिन ये पुल एप्रोच न होने से बेकार पड़ा हुआ है. मई 2018 में शुरू हुए 71 मीटर लंबे इस पुल के निर्माण कार्य में लगभग 14 महीने लग गए. पुल बनकर तैयार भी हो गया, लेकिन राहगीरों की समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है.

हवा में झूल रहा 9 करोड़ का विकास.

30 मई 2018 को कप्तानगंज के विधायक चंद्र प्रकाश शुक्ला ने भूमि पूजन कर इसका शिलान्यास किया था और तभी से पुल का काम तेजी से शुरू हो गया जो जुलाई 2019 में बनकर पूरा हो गया. यह पुल कप्तानगंज ब्लाक के नारायणपुर मीतासोती मार्ग पर मनोरमा नदी के पिपरौल घाट पर लगभग 8 करोड़ 96 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ है. इसका दक्षिण की तरफ का एप्रोच भी पूरा हो गया है, लेकिन उत्तर की तरफ कुछ जमीन के विवाद के चलते एप्रोच नहीं पूरा हो पाया है.

ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व लेखपाल ने गलत पैमाइश कर दूसरे के नाम जमीन दर्ज कर दी थी. इसमें आने वाली बाधा का मुख्य कारण आस-पास की विवादित जमीन है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि तत्कालीन लेखपाल वीरेंद्र मौर्य ने बिना जरीब फीता के लोगों के नाम से जमीन अधिग्रहित कर दिए थे, किसी का रकबा बताया ही नहीं. इसके बाद सही मुआवजे की रकम न मिलने से किसानों ने मना कर दिया. उन्होंने बताया कि इसके लिए तत्कालीन डीएम माला श्रीवास्तव और एसडीएम से शिकायत की गई थी. इस पर उन्होंने दोबारा सही ढंग से पैमाइश करने का निर्देश दिया था, ताकि उचित लोगों का जमीन अधिग्रहण होकर मुआवजा मिले.

पढ़ें: MMMTU है प्रदेश की पहली ई-लाइब्रेरी, जल्द RFID सुविधा से होगी लैस

वहीं जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने इस बाबत कहा कि सेतु निगम से बात कर ली गयी है. वहां विवाद होने की वजह से अधिग्रहण नहीं हो पाया था. डीएम ने कहा कि अब विवाद खत्म कर लिया गया है. किसान अपनी जमीन देने को तैयार हो गए हैं. इसकी रिपोर्ट तैयार होते ही संबंधित विभाग को सौंप दी जाएगी. साथ ही काम शुरू करके फरवरी तक यह पुल आम लोगों के लिए शुरू कर दिया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details