बरेली:कोरोना काल में गन्ना किसानों की समस्या जैसे दबकर रह गई है. जिले के गन्ना किसानों का सैंकड़ों करोड़ रुपया शुगर मिलों पर अभी भी बकाया है. आलम ये है कि पिछले पेराई स्तर का अभी तक शत प्रतिशत भुगतान किसानों को नहीं हो पाया है. ऐसे में किसानों की स्थिति को जानने के लिए ईटीवी भारत ने गन्ना किसानों से बातचीत की.
देश और प्रदेश की राजधानी के ठीक बीचोंबीच स्थित पश्चिमी यूपी के बरेली जिले में बहुतायत में किसान गन्ने की खेती करते हैं. जिले के गन्ना किसानों के सामने वर्तमान में भी समय से शुगर मिलों द्वारा पूरा भुगतान न किए जाने की वजह से खासी दिक्कत यहां झेलनी पड़ रही है, यूं कहिए कि इस कोरोना संक्रमण के शोर-शराबे में किसानों की आवाज कहीं दब कर ही रह गई है. यही वजह है कि जनपद के गन्ना किसानों का करोड़ों रुपया अभी भी शुगर मिलों पर बकाया है.
भुगतान में लेटलतीफी से गन्ना किसान परेशान
अपनी समस्याओं को बताते गन्ना किसानों ने बताया कि न चाहते हुए भी उन्हें गन्ने की फसल को उगानी पड़ रही है. इतना ही नहीं गन्ने की फसल के जरिये किसानों को उनके घर का चूल्हा जलाने के लिए आवश्यक खर्च नहीं मिल पा रहा है. किसानों के पास रोजी-रोटी का कोई दूसरा विकल्प भी तो नहीं है. आलम यह है कि पिछले साल का बकाया अभी तक कुछ गन्ना किसानों को नहीं मिल पाया है. गन्ने के भुगतान में लेटलतीफी ने किसान की रीढ़ तोड़कर रख दी है.