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...वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं ये माता-पिता - helpless parents living in old age home

बरेली में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां कलयुगी बेटे और बहू ने अपने मां-बाप को घर से निकालकर वृद्धाश्रम पहुंचा दिया है.

पीड़ित मां.

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Published : Sep 15, 2019, 11:02 AM IST

बरेलीः ये कहानी है ऐसे मां-बांप की जिन्हें उनके बेटों ने घर से बाहर निकाल दिया है. इस समय पितृ पक्ष चल रहा है और लोग अपने पितरों को पूरे सम्मान के साथ याद कर रहे हैं और उनकी कमी महसूस करते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ईश्वर स्वरूप मां- बाप को उनके ही घर से निकाल दिए हैं.

मां-बाप वृद्धाआश्रम में रहने को है मजबूर.

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सीबीगंज स्लीपर रोड निवासी 62 वर्षीय विद्या गुप्ता को कहने के लिए तीन बेटे हैं. आप बीती सुनाते हुए विद्या गुप्ता ने कहा कि वह 15 दिन पहले आश्रम में आई हैं. आश्रम आने से पहले बड़े बेटा सिर्फ चाय बनाने की बहस पर मेरा गला घोटने लगा और हाथ पकड़कर रात के समय घर से बाहर निकाल दिया. पुलिस के पास शिकायत की तो पुलिस ने बेटे को लताड़ लगाई फिर दो दिन बाद वहीं सब शुरू हो गया. मजबूरन मुझे वृद्धा आश्रम में शरण लेना पड़ा. बहू और बेटे ने जिंदगी ऐसा कर दी थी कि भीख मांग कर गुजारा करने लगी थी मैं.

ऐसी ही एक और कहानी है बरेली के बाग विग्रटन निवासी रमेश जायसवाल और वंदना जायसवाल की. दोनों के भरोसे को बेटे ने चकनाचूर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा. पिता रमेश ने बताया कि छोटे बेटे अमित जायसवाल ने उन्हें भरोसे में लेकर घर का सौदा कराया. फिर बेघर होने के बाद अपने घर से उन्हें धक्का मारकर बाहर निकाल दिया, जो रुपये मिले उसे लेकर बेटा बहू के साथ नोएडा में शिफ्ट हो गया, लेकिन बड़े बेटे की आर्थिक स्थिति खराब थी. इसलिए वो वृद्धा आश्रम आ गए रहने के लिए.

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