बरेली: कोरोना आपदा से निपटने के नाम पर प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में करोड़ों की संख्या में पैरासिटामॉल की घटिया गोलियां मरीजों को बांट दी गईं. जिले में भी चार लाख से ज्यादा गोलियां मरीजों को खिलाई गईं. इस दवा की एफएसडीए लैब में जब जांच कराई गई तो वह मानक पर खरी नही उतरी. औषधि विभाग ने तुरंत इसका वितरण रोककर स्टॉक सीज कर दिया है.
पैरासिटामॉल टेबलेट का सैंपल फेल, दवा का स्टॉक सीज
बरेली में कोरोना महामारी के नाम पर पैरासिटामॉल की घटिया गोलियां सप्लाई करने का मामला सामने आया है. एफएसडीए लैब की जांच में इस दवा की पोल खुली.
एफएसडीए की लैब रिपोर्ट आने के बाद सीएमओ विनीत कुमार शुक्ल ने बताया कि शुक्रवार को ओषधि निरीक्षक ने पैरासिटामॉल के नमूने फेल होने की जानकारी दी थी. इसके बाद से पैरासिटामॉल का स्टॉक सीज करा दिया गया है. यह पूरी दवाई उत्तर प्रदेश औषधि पूर्ति निगम ने सरकारी अस्पतालों को दी थी. अब जो रिपोर्ट आई है उसके बारे में शासन को अवगत करा दिया गया है.
उधर, इस प्रकरण पर स्थानीय लोगों का कहना है कि योगी सरकार आम जनता की सहूलियत के लिए काम तो कर रही है, लेकिन कुछ अफसर कमीशनखोरी के चक्कर में गलत दवाइयां खरीद कर अस्पतालों में बेच दे रहे हैं. ऐसे में दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जरूरत है.