बरेली:वायु सेना गुरुवार को पहली बार मीरगंज के आसपास के इलाकों में त्रिशूल एयरबेस से निकलकर बड़ा अभ्यास कर रही है. इस अभ्यास में लड़ाकू विमानों का बेड़ा तो शामिल होगा ही साथ ही वायु सेना के सशस्त्र कमांडो जमीनी अभ्यास भी करेंगे.
मामले की जानकारी देते एसपी. इस अभ्यास के दौरान पैराड्रॉपिंग यानि विमानों से जवानों और हथियारों को पैराशूट के जरिए जमीन पर गिराया जाएगा. वायुसेना ने इस सैन्य अभ्यास में 24 घंटे से ज्यादा वक्त लगने की संभावना जताते हुए गुरूवार और शुक्रवार को पुलिस और प्रशासन को अलर्ट पर रहने के लिये कहा है. पुलिस की ओर से सभी ग्राम प्रधानों को सूचना भेजकर लोगों को इस दौरान जंगल में न जाने के लिये कहा गया है.
यह अभ्यास मीरगंज और आंवला तहसील के करीब 50 किलोमीटर के दायरे में होने की उम्मीद है
इस अभ्यास के लिए तिलमास, गहबरा, और करौरा के इलाकों को चिन्हित किया गया है. त्रिशूल एयरबेस के जूनियर वारंट अफसर ए के मिश्रा की ओर से एसपी देहात डॉ. संसार सिंह को लिखे पत्र में बताया गया है कि वायुसेना का यह आउटडोर अभ्यास त्रिशूल एयरवेज के उत्तर-पश्चिम इलाके में 3 और 4 अक्टूबर को चलेगा. इस अभ्यास में मुख्य तौर पर वायु सेना के स्पेशल फोर्स के जवानों के साथ गरुड़ कमांडो हिस्सा लेंगे.
यह अभ्यास आसमान के साथ जमीन पर भी चलेगा. मुख्य तौर पर अभ्यास के दौरान लड़ाकू विमानों के साथ कमांडो जमीनी हथियारों के साथ पैराशूट से जमीन पर उतरेंगे. जंगलों में रेंगकर अपने लक्ष्य के नजदीक पहुंचने जैसी गतिविधियां भी होंगी. इसके लिए वायु सेना को स्थानीय पुलिस के सहयोग और मदद की जरूरत पड़ेगी.
वायु सेना के आग्रह पर एसपी देहात ने आंवला और मीरगंज के सीओ के साथ फतेहगंज पश्चिमी, मीरगंज और शाही के एस एच ओ को अलर्ट किया है और उन्हें वायु सेना के अभ्यास के दौरान पूरी तरह सहयोग करने का निर्देश दिया है.
गोली की आवाज सुनकर गांव वाले नहीं डरें-
वायुसेना का पत्र मिलने के बाद पुलिस ने सभी ग्राम प्रधानों को अपने इलाके में ग्रामीणों को सेना अभ्यास को लेकर सचेत कर दिया है. ग्रामीणों से कहा गया है कि सेना अभ्यास चलने तक वह जंगलों की ओर किसी भी हालात में न जाएं. वहीं दिन या रात में गोलियां चलने की आवाज आए तो नहीं डरें. संबंधित थानों का स्टाफ भी इस दौरान अपनी बीटों में रहेगा. सभी सब इंस्पेक्टर को सैन्य अभ्यास के आसपास रहकर हालात पर नजर रखने को कहा गया है.