बरेली:जिले के पांच मंदिरों में साफ-सफाई औरश्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए एक नई पहल की शुरुआत की गई.विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष दिव्या मित्तल ने जिले के विकास क्षेत्र में स्थित पौराणिक नाथ मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा एवं आध्यात्मिक वातावरण हेतु मंदिरों में साफ-सफाई और मंदिरों की आय को बढ़ाने की बात कही.
बरेली विकास प्राधिकरण की नई पहल, मंदिरों में रखा जाएगा साफ-सफाई का विशेष ध्यान - bareilly development authority news
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष दिव्या मित्तल द्वारा एक नई पहल की शुरुआत की गई. इस पहल के अन्तर्गत उन्होंने पांच मंदिरों का चयन किया और कहा कि इन मंदिरों में साफ-सफाई और श्रद्धालुओं के सुविधाओं का विशेष ध्यान दिया जाएगा.
विकास प्राधिकरण के लिए किया गया मंदिरों का चयन
विकास प्राधिकरण ने इस पहल के अंतर्गत बरेली में स्थित पांच नाथ मंदिरों का चयन किया है. प्राधिकरण द्वारा सर्वप्रथम मंदिरों में नक्षत्र वाटिका को स्थापित किया जाएगा. इन वाटिका में औषधीय पौधे लगाए जाएंगे, जिससे वहां का वातावरण शुद्ध हो और ऊर्जा का प्रभाव हो सके. इसके साथ-साथ मंदिरों में स्थित गोशालाओं से निकलने वाले गोबर को एक विशेष सयंत्र के माध्यम से लकड़ी का रूप दिया जा सके. इस लकड़ी का उपयोग पूजा में प्रयोग करने के साथ-साथ ईंधन के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सके. मंदिरों में स्थित जलाशय के पानी को साफ कर आचमन के योग बनाने का कार्य भी शामिल है.
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प्राचीन मंदिरों में किया जाएगा पौधारोपण
विकास प्राधिकरण ने धोपेश्वर नाथ, तपेश्वर नाथ, मढ़ीनाथ, अलखनाथ, बनखंडी नाथ इन पांचों प्राचीन मंदिरों को चिन्हित कर इन मंदिरों में पंच वाटिका, राशि वन, सप्त ऋषि वन, नवग्रह वाटिका और नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी. इन वाटिकाओं में पौराणिक महत्व वाले अलग-अलग पौधे रोपे जाएंगे. ऐसा होने से मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को पौराणिक मान्यताओं को देखकर मन को प्रसन्नता मिलेगी. इसके साथ ही श्मशान भूमि और हवन में गोबर से बनी लकड़ी का इस्तेमाल किया जाएगा.