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पीएम मोदी का सपना 'एक हाथ में कुरान और दूसरे में लैपटॉप' को पूरा करने में जुटा यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड

यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड (up board of madrasa education) के सदस्य कमर अली गुरुवार को बाराबंकी पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पीएम मोदी के सपने 'एक हाथ में कुरान और दूसरे में लैपटॉप' को पूरा करना पहली प्राथमिकता है.

बाराबंकी में मदरसा शिक्षा
बाराबंकी में मदरसा शिक्षा

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Published : Dec 2, 2021, 4:45 PM IST

बाराबंकी: यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के सदस्य कमर अली ने कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे जागरूक हों और देश के सिस्टम का हिस्सा बनें. पीएम मोदी (PM Narendar Modi) की मंशा मदरसों के बच्चों के 'एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में लैपटॉप' के अनुरूप यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड लगातार काम कर रहा है.

जानकारी देते यूपी मदरसा शिक्षा परिषद के सदस्य कमर अली

कमर अली गुरुवार को बाराबंकी में मदरसा शिक्षा के हालत जानने पहुंचे थे. इस मौके पर ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि परिषद, मदरसों में चल रही दीनी तालीम में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी लेकिन इसके साथ ही आधुनिक शिक्षा प्रणाली लागू करने पर जोर दे रही है. इससे मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को मुख्य धारा में लाया जाएगा.



उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के सदस्य राजा कासिम के आवास पर तमाम मदरसा शिक्षकों और मुस्लिम समुदाय के लोगों से कमर अली ने मुलाकात की. यहां उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी की ओर से मदरसों के लिए किए जा रहे कामों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि 65 वर्षों तक कांग्रेस ने मुसलमानों को महज वोट बैंक समझा, लेकिन बीजेपी सरकार मुसलमानों को उनका हक दे रही है. कमर अली ने कहा कि पीएम मोदी की मंशा है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के एक हाथ में कुरान और एक हाथ में लैपटॉप हो.



इस मौके पर सदस्य कमर अली ने मदरसों को लेकर मदरसा शिक्षा परिषद की उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने बताया कि तीन साल से मदरसा शिक्षकों की बकाया तनख्वाह जारी की जा रही है. हर महीने की पहली तारीख को तनख्वाह शिक्षकों के खातों में पहुंच रही है. अब मदरसों का स्वरूप बदल रहा है. यहां से आईएएस और पीसीएस निकल रहे हैं. मदरसों को संशोधित करने और सिस्टम सुधारने के लिए हर वर्ष सरकार 10 फीसदी बजट में बढ़ोत्तरी कर रही है.



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बाराबंकी में कमर अली ने कहा कि लोग अफवाह उड़ाते हैं कि अवैध मदरसों का संचालन हो रहा है, जबकि सच्चाई इसके बिलकुल उलट है. मदरसे अवैध नही हैं बल्कि तमाम मदरसों की मान्यता नही है. सरकार की मंशा है कि सभी मदरसों को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाए. लिहाजा उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ऐसे मदरसों को नियमानुसार मान्यता दे रही है. मदरसों में गणित और साइंस पढ़ाने वाले शिक्षकों के बकाया वेतन को लेकर उन्होंने कहा कि जल्द ही उनका भुगतान कर दिया जाएगा. कुछ तकनीकी कमियां थी, जिन्हें दूर कर लिया गया है.

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