बाराबंकी: कोविड-19 की जांच के लिए हो रही सैम्पलिंग में लापरवाही बरते जाने का आरोप सैम्पल देने गए कर्मचारियों ने लगाया. बिना सेनेटाइज किए एक ही कुर्सी पर बैठा कर सैम्पल लेते देख कर्मचारी भड़क गए और सैम्पलिंग कराने से इनकार कर दिया.
इसी को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों और सैम्पल देने गए लोगों में जमकर तू-तू और मैं-मैं होने लगी. मामले की जानकारी पर पहुंची जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव और नायब तहसीलदार ने हालात का जायजा लिया और स्वास्थ्यकर्मियों को दिशा-निर्देश दिए, तब जाकर मामला शांत हुआ.
स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही पर भड़के कर्मचारी. बताते चलें कि शहर के जवाहरलाल नेहरू स्मारक महाविद्यालय में कोरोना वायरस की जांच के लिए सैम्पलिंग की जा रही है. सोमवार को दीवानी न्यायालय और पुलिस विभाग के करीब 48 कर्मचारी अपनी जांच कराने पहुंचे थे. कर्मचारी ये देखकर हैरान रह गए कि एक ही कुर्सी पर लगातार लोगों को बुलाकर बैठाया जा रहा है और फिर उनका सैम्पल लिया जा रहा है. यही नहीं, सैम्पल लेने वाले कर्मचारी जरा भी एहतियात नहीं बरत रहे हैं. ग्लब्स भी नहीं बदल रहे हैं और सैनिटाइजेशन भी नहीं हो रहा है. कर्मचारियों का आरोप था कि अगर कोई पॉजिटिव है और उसने कुर्सी पर बैठकर सैम्पल दिया. इसके बाद जो निगेटिव है, वो भी उस कुर्सी पर बिना सैनिटाइजेशन के जाकर बैठ गया तो उसे खतरा हो सकता है. ये देख तमाम कर्मचारी घबरा गए और उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया. यही नहीं, कर्मचारियों ने सैम्पल देने से ही मना कर दिया.
कर्मचारियों ने सैम्पल निकालने के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों से निर्धारित प्रोटोकॉल का अनुपालन करने को कहा. आरोप है कि इसी बात पर स्वास्थ्यकर्मी भड़क गए. मामले की जानकारी पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव आरती द्विवेदी और नायब तहसीलदार केपी सिंह मौके पर पहुंच गए. उन्होंने हालात का जायजा लिया.
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अधिकारियों ने डॉक्टरों से बात की. करीब आधे घण्टे तक चली बातचीत के बाद मामला शांत हुआ. सचिव ने स्वास्थ्यकर्मियों को दिशा-निर्देश देते हुए कर्मचारियों को भी समझाया. तकरीबन 20 कर्मचारी वापस हो गए, जो अब मंगलवार को अपना सैम्पल देंगे.