बांदा: लघु सिंचाई विभाग के ठेकेदारों ने गुरुवार को अपने काम के बदले विभाग से भुगतान कराए जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा. इस ज्ञापन के माध्यम से ठेकेदारों ने बुंदेलखंड राहत पैकेज योजना के तहत 2019-20 में तालाबों और चेकडैम के निर्माण कार्य के लिए उनके बकाए का विभाग से भुगतान कराने की मांग की.
- लघु सिंचाई विभाग के ठेकेदारों ने डीएम के माध्मय से सीएम को भेजा ज्ञापन
- साल 2019-2020 में बुंदेलखंड राहत पैकेज योजना के तहत कराए गए काम के लिए भुगतान की मांग
सीएम को भेजे ज्ञापन में ठेकेदारों ने कहा कि, उन्होंने विभाग में कई करोड़ रुपए का काम कराया है. लेकिन अब तक भुगतान नहीं किया गया है. जिसके चलते उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है. ठेकेदारों ने कहा कि, अगर भुगतान नहीं किया जाता तो वे 18 सितंबर को विभाग में तालाबंदी करेंगे और अगर फिर भी उनका भुगतान नहीं किया गया तो वह आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे. क्योंकि जिन लोगों से उन्होंने कर्ज ले रखा है वह आए दिन उन्हें परेशान कर रहे हैं.
बुंदेलखंड राहत पैकेज योजना के तहत कराए काम के लिए भुगतान की मांग
बता दें कि बुंदेलखंड राहत पैकेज के तहत जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में लघु सिंचाई विभाग ने सन 2019-2020 में जल संरक्षण को लेकर चेकडैम का निर्माण कराया है. साथ ही कई नए तालाबों का निर्माण और पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार कराया है. लेकिन, इन कामों को जिन ठेकेदारों ने पूरा किया है उनका अब तक भुगतान नहीं हो सका है. जिसको लेकर दर्जनों की संख्या में लघु सिंचाई विभाग के ठेकेदार गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने बुंदेलखंड पैकेज के तहत कराए गए तालाबों और चेकडैमो के काम के भुगतान की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा.
'लघु सिंचाई विभाग पर ठेकेदारों का 19 करोड़ बकाया'
ठेकेदारों ने कहा कि, हम लोगों ने बुंदेलखंड पैकेज योजना के अंतर्गत लघु सिंचाई विभाग से चेकडैम और तालाबों का निर्माण कार्य पूरा कराया. लघु सिंचाई विभाग ने हमसे काम तो करा लिया है, लेकिन उसका भुगतान नहीं किया जा रहा है. विभाग के ऊपर जिले के ठेकेदारों का 19 करोड़ रुपये का बकाया है. उन्होंने कहा कि अगर हमारा भुगतान नहीं किया जाता तो हम आने वाले 18 सितंबर को लघु सिंचाई विभाग के कार्यालय में तालाबंदी कर प्रदर्शन करेंगे और अगर इसके बाद भी हमारा भुगतान नहीं किया जाता तो हम लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे. क्योंकि हम लोगों ने मार्केट से कर्ज ले रखा है और अब देनदार हमें परेशान कर रहे हैं.