बलिया: मोदी सरकार गंगा नदी को अविरल और निर्मल बनाए रखने के लिए कई योजनाओं को अमलीजामा पहनाकर करोड़ों रुपये खर्च करने की रूपरेखा बना चुकी है. बावजूद इसके लोगों को गंगा के प्रति जागरूक करने के लिए 27 जनवरी को यूपी के बलिया से गंगा यात्रा की शुरुआत होने जा रही है. इस यात्रा को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगी. यूपी सरकार भी इस गंगा यात्रा पर भारी भरकम सरकारी पैसा खर्च कर गंगा की अविरल और निर्मल बनाये रखने की कवायद कर रही है.
लाख कोशिशों के बाद भी साफ नहीं हो पा रही गंगा
वहीं दूसरी ओर वर्षों से बलिया शहर का गंदा सीवरेज का पानी कटहल नाला में गिर रहा है और उस नाले का पानी गंगा नदी में गिराया जा रहा है, जिससे गंगा लगातार मैली हो रही है. इस मामले की ओर न तो प्रशासन और न ही शासन का ध्यान है.
नदी में जा रहा कटहल नाले का पानी
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर के जन्म शहर बलिया भले ही पूर्वांचल की राजनीति की धुरी रहा हो, लेकिन बलिया शहर में लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी आज भी गंगा में गिराया जा रहा है. नगर पालिका परिषद के 25 वार्डों मे रहने वाले लोगों के घरों का गंदा पानी सीवरेज और छोटे-छोटे नालों के माध्यम से एक बड़े कटहल नाले में जाता है. इसे सालों से गंगा में गिराया जा रहा है. नाले का गंदा पानी गंगा नदी में गिरने की बात जिला प्रशासन को बखूबी पता भी है.
अधिकारी नहीं उठा रहे कोई ठोस कदम
नगर पालिका परिषद बलिया के अधिशासी अधिकारी के अनुसार, लोग घरों का गंदा पानी छोटे-छोटे नालों से होकर बड़े कटहल नाले में जाता है और फिर कटहल नाले का पानी जिले की भौगोलिक स्थिति के अनुसार, 6 महीने गंगा नदी से सुरहा ताल की ओर जाता है और 6 महीने सुरहा ताल से गंगा नदी की ओर.