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लॉक डाउन के कारण दरगाह में नहीं मनाया जाएगा जश्न ए विलादत - लॉक डाउन का दूसरा चरण

बहराइच में लॉक डाउन के कारण सैय्यद सालार मसूद गाजी की प्रसिद्ध दरगाह पर जश्न ए विलादत नहीं मनाया जाएगा. हजारों साल से चली आ रही इस परंपरा को लॉक डाउन के कारण टाल दिया गया है. दरगाह प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष शमशाद अहमद ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसे अपने घरों पर मनाने का निर्णय लिया गया है.

लॉक डाउन के कारण दरगाह में नहीं मनाया जाएगा जश्न ए विलादत
लॉक डाउन के कारण दरगाह में नहीं मनाया जाएगा जश्न ए विलादत

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Published : Apr 15, 2020, 4:28 PM IST

बहराइच: बहराइच में लॉक डाउन के कारण सैय्यद सालार मसूद गाजी की प्रसिद्ध दरगाह पर जश्न ए विलादत नहीं मनाया जाएगा. हजारों साल से चली आ रही इस परंपरा को लॉक डाउन के कारण टाल दिया गया है. दरगाह प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष शमशाद अहमद ने बताया कि लॉक डाउन के कारण 1036 वां जश्न ए विलादत गुरुवार को होना है लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसे अपने घरों पर मनाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने लोगों से अपील की वह अपने घरों पर ही हजरत सैयद सलार मसूद गाजी रहमतुल्लाह अलैह के जश्न ए विलादत को मनाएं.

लॉक डाउन के कारण दरगाह में नहीं मनाया जाएगा जश्न ए विलादत



बहराइच में सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल है. यहां सभी धर्मों के लोग अपने अपने तरीके से श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. यहां आयोजित होने वाले हर मेले और कार्यक्रमों में सभी धर्मों के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. दरगाह प्रधान कमेटी के सदस्य अब्दुल रहमान उर्फ बच्चे भारती ने बताया कि जश्न ए विलादत के मौके पर पूरे दरगाह में घी और तेल के दीप जलाए जाते हैं.

लॉक डाउन के कारण दरगाह में नहीं मनाया जाएगा जश्न ए विलादत

श्रद्धालु अपनी अपनी सुविधा के अनुसार घी और तेल का दीप जलाते हैं. साथ ही मोमबत्तियां भी जलाकर वह श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर देश में लॉक डाउन का दूसरा चरण शुरू हो चुका है. लॉक डाउन का पालन सुनिश्चित कराने के लिए दरगाह को बंद कर दिया गया है.

लॉक डाउन के कारण दरगाह में नहीं मनाया जाएगा जश्न ए विलादत

ऐसी स्थिति में सुरक्षा की कड़ी टूटने ना पाए इसलिए लोगों से सैय्यद सालार मसूद गाजी का जश्न ए विलादत अपने घरों पर ही मनाने की अपील की गई है. वह अपने घरों पर ही दीप और मोमबत्ती जलाकर जश्न ए विलादत मनाएं.

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