बागपत:जिले में मिनी बलूचिस्तान कहे जाने वाले बिलोचपुरा गांव में सरकार की तमाम सुविधाएं यहां के लोगों को नहीं मिल रही हैं. इस गांव का इतिहास बहुत ही पुराना है. यह क्रांतिकारी गांव भी कहा जाता है. कहते हैं कि आजादी के समय इसी गांव से असलहा और बारूद गया था. आजादी के बाद सरकार ने इस गांव पर ध्यान ही नहीं दिया.
देश का मिनी बलूचिस्तान
- जिले का बिलोचपुरा गांव जिसे मिनी बलूचिस्तान के नाम से जाना जाता है.
- पंद्रहवीं शताब्दी में बलूचिस्तान से गांव के लोगों के पूर्वज गुजरात के रास्ते हिंदुस्तान आए थे.
- बलूच आज भी जिले के बिलोचपुरा गांव में रह रहे हैं. इस गांव की लगभग 15 हजार आबादी है.