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सरयू किनारे लगाई जाएगी राममंदिर आंदोलन के पुरोधा स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास की प्रतिमा: डॉ रामविलास दास वेदांती

रामनगरी अयोध्या में परमहंस रामचंद्र दास की समाधि स्थल पर पहुंचे राम मंदिर आंदोलन के अन्य सदस्यों के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने पुष्प अर्पित कर परमहंस रामचंद्र दास को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ रामविलास दास वेदांती ने कहा कि सरयू तट के किनारे स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास जी के स्मारक में एक भव्य समाधि स्थल और उनकी 51 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित कराई जाएगी.

राममंदिर आंदोलन के पुरोधा स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास को दी गई श्रद्धांजलि.
राममंदिर आंदोलन के पुरोधा स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास को दी गई श्रद्धांजलि.

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Published : Aug 10, 2021, 5:29 PM IST

अयोध्या:राम मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष प्रतिवादी भयंकर स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास की 18वीं पुण्यतिथि के मौके पर मंगलवार को सरयू तट पर संतों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.परमहंस रामचंद्र दास की समाधि स्थल पर पहुंचे राम मंदिर आंदोलन के अन्य सदस्यों के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ रामविलास दास वेदांती ने कहा कि जिस तरह से अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है.उसी प्रकार सरयू तट के किनारे स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास जी के स्मारक में एक भव्य समाधि स्थल और उनकी 51 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित कराई जाएगी.

राम मंदिर का निर्माण ही स्वर्गीय परमहंस दास जी को सच्ची श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम के दौरान पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती ने कहा कि स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास ने आजीवन राम मंदिर निर्माण के लिए लड़ाई लड़ी. आज उनका सपना साकार हो रहा है. 9 नवंबर 2019 में रामलला के मंदिर निर्माण का निर्णय आया और देश के लोगों ने शांतिपूर्वक इस निर्णय का स्वागत किया. आज परमहंस दास की पुण्यतिथि पर हम लोग उपस्थित हुए हैं और संकल्प लिया है कि रामलला अपने भव्य मंदिर में 2024 के चुनाव से पहले विराजमान हो जाएंगे. उसके पहले ही स्वर्गीय रामचंद्र दास परमहंस की समाधि स्थल का निर्माण होगा. जो लोग राम लला के दर्शन करने आएंगे, वह स्वर्गीय रामचंद्र दास परमहंस के समाधि स्थल पर भी पहुंचेंगे.

राममंदिर आंदोलन के पुरोधा स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास को दी गई श्रद्धांजलि.
एक ही वाहन पर सवार होकर मुकदमे की पैरवी करने जाते थे हाशिम अंसारी और परमहंस दास
करीब दो दशक पहले राम मंदिर आंदोलन की कानूनी लड़ाई लड़ने वाले राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष रहे स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास के साथ एक ही वाहन से कई बार मुकदमे की पैरवी करने जाने वाले बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई रहे हाशिम अंसारी के बेटे भी श्रद्धांजलि समारोह में शामिल हुए. स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास को श्रद्धांजलि देते हुए इकबाल अंसारी ने कहा कि मंदिर-मस्जिद का विवाद कोर्ट में था, लेकिन अयोध्या के आम लोगों में कभी विवाद नहीं रहा. हम सब मिल-जुल कर रहते रहे. स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास जी का सर्व समाज में सम्मान था. आज भी समाज का हर वर्ग उनके प्रति सम्मान की दृष्टि रखता है. अब सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार, मंदिर का निर्माण हो रहा है. अब अयोध्या में किसी बात का कोई विवाद नहीं रह गया है. मंदिर का निर्माण होना ही परमहंस जी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है. इस दौरान उन्होंने बताया कि अपने जीवनकाल के दौरान मेरे पिता ने भी अपने समाज के लिए लड़ाई लड़ी और परमहंस जी ने अपने समाज के लिए लड़ाई लड़ी. फैसला न्यायालय ने दिया है जिसे सभी ने स्वीकार किया है. परमहंस जी मेरे पिता के मित्र थे उसी रिश्ते को निभाते हुए आज मैंने उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.
राममंदिर आंदोलन के पुरोधा स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास को दी गई श्रद्धांजलि.

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