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अयोध्या के गुरुकुल में वेदों की हो रही ऑनलाइन पढ़ाई

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में एक अनोखा प्रयोग देखने को मिला है. यहां अब गुरुकुल के छात्र ऑनलाइन वेदों की पढ़ाई कर रहे हैं. श्री गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ में यह व्यवस्था शुरू की गई है.

online veda class in ayodhya
अयोध्या में ऑनलाइन हो रही वेदों की पढ़ाई.

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Published : Sep 16, 2020, 12:41 PM IST

Updated : Sep 16, 2020, 1:36 PM IST

अयोध्या: वेद और शास्त्र हमारी भारतीय संस्कृति के आधार हैं. हमारे जीवन का मूल हैं. सदियों से वेद और पुराण हमारे जीवन का मार्गदर्शन करते चले आए हैं. प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों की गुरुकुल परंपरा का पालन करके ही बड़े-बड़े महापुरुषों ने समाज को सही दिशा दी. वक्त बदलने के साथ गुरुकुल की जगह कान्वेंट स्कूलों ने ले ली. अब स्कूलों में वेद और पुराणों की शिक्षा नहीं दी जाती. छात्र अंग्रेजी, विज्ञान जैसे विषयों पर फोकस करते हैं.

वेदों की हो रही ऑनलाइन पढ़ाई.

शास्त्र और वेदों की शिक्षा सिर्फ परंपरा के रूप में ही बची है, लेकिन इस प्राचीन परंपरा को नए तेवर और कलेवर में ढालने की बेहद खास कोशिश अयोध्या में हुई है. यहां पर वेद पाठी छात्रों को ऑनलाइन क्लास के जरिए यजुर्वेद और अथर्ववेद की शिक्षा दी जा रही है.

भारतीय शिक्षण मंडल के दिशा-निर्देशन में अयोध्या के श्री गुरु वशिष्ट सेवा न्यास द्वारा संचालित श्री गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ में अब चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) के अलावा ज्योतिष शास्त्र एवं न्याय शास्त्र की शिक्षा दी जा रही है. खास बात यह है कि धार्मिक नगरी अयोध्या में यह ऐसा पहला गुरुकुल विद्यालय है, जहां पर ऑनलाइन शास्त्र और वेदों की शिक्षा देने की प्रक्रिया शुरू की गई है. बाकायदा इसके लिए दक्षिण भारत के विद्वान हजारों किलोमीटर दूर से बैठकर अयोध्या में वेदपाठी छात्रों को शास्त्र और वेदों का ज्ञान दे रहे हैं.

मार्च 2018 से शुरू हुए गुरुकुल विद्यापीठ में यजुर्वेद, व्याकरण, संस्कृत सहित अन्य सामान्य विषयों के अलावा कम्प्यूटर की भी शिक्षा दी जा रही थी. वहीं अब एक अनोखे प्रयोग के तहत अयोध्या के संस्कृत छात्रों को सभी वेदों की शिक्षा का अध्ययन करने का मौका मिले, इसके लिए कर्नाटक गुरुकुल के आचार्य पवन कुमार द्वारा ज्योतिष शास्त्र एवं न्याय शास्त्र की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई हैं.

भारतीय शिक्षण मंडल के शैक्षिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सह प्रभारी और श्री गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ के निदेशक डॉ. दिलीप सिंह ने बताया कि आने वाले नवरात्र महीने में फतेहपुर, बहराइच सहित लगभग 5 जिलों में नवीन गुरुकुल प्रारंभ किए जाएंगे.

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अपने आप में यह एक अनोखा प्रयोग है, जब वेदों की शिक्षा भी ऑनलाइन मिलेगी. बड़ी बात यह है कि शास्त्रों की शिक्षा के लिए भाषा शैली के साथ आचार विचार व्यवहार भी महत्वपूर्ण होता है. ऐसे में कम्प्यूटर की स्क्रीन के सामने बैठकर वेद मंत्रों की शिक्षा लेना अपने आप में एक अनोखा अनुभव है.

Last Updated : Sep 16, 2020, 1:36 PM IST

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