अयोध्या: वेद और शास्त्र हमारी भारतीय संस्कृति के आधार हैं. हमारे जीवन का मूल हैं. सदियों से वेद और पुराण हमारे जीवन का मार्गदर्शन करते चले आए हैं. प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों की गुरुकुल परंपरा का पालन करके ही बड़े-बड़े महापुरुषों ने समाज को सही दिशा दी. वक्त बदलने के साथ गुरुकुल की जगह कान्वेंट स्कूलों ने ले ली. अब स्कूलों में वेद और पुराणों की शिक्षा नहीं दी जाती. छात्र अंग्रेजी, विज्ञान जैसे विषयों पर फोकस करते हैं.
शास्त्र और वेदों की शिक्षा सिर्फ परंपरा के रूप में ही बची है, लेकिन इस प्राचीन परंपरा को नए तेवर और कलेवर में ढालने की बेहद खास कोशिश अयोध्या में हुई है. यहां पर वेद पाठी छात्रों को ऑनलाइन क्लास के जरिए यजुर्वेद और अथर्ववेद की शिक्षा दी जा रही है.
भारतीय शिक्षण मंडल के दिशा-निर्देशन में अयोध्या के श्री गुरु वशिष्ट सेवा न्यास द्वारा संचालित श्री गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ में अब चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) के अलावा ज्योतिष शास्त्र एवं न्याय शास्त्र की शिक्षा दी जा रही है. खास बात यह है कि धार्मिक नगरी अयोध्या में यह ऐसा पहला गुरुकुल विद्यालय है, जहां पर ऑनलाइन शास्त्र और वेदों की शिक्षा देने की प्रक्रिया शुरू की गई है. बाकायदा इसके लिए दक्षिण भारत के विद्वान हजारों किलोमीटर दूर से बैठकर अयोध्या में वेदपाठी छात्रों को शास्त्र और वेदों का ज्ञान दे रहे हैं.