दिल्ली:अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला आने के बाद अयोध्या में भव्य मंदिर बनने का इंतजार सभी को है. अयोध्या में विकास और राम मंदिर से संबंधित जानकारी देते हुए अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने ईटीवी से खास बातचीत में बताया कि अयोध्या नगरी में सुख शांति है और अयोध्या निवासी अदालत के फैसले का सम्मान करते हुए इस फैसले से बहुत खुश हैं.
अयोध्या सांसद लल्लू सिंह के साथ खास बातचीत. अयोध्या नगरी में है सुख शांतिअयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने ईटीवी से खास बातचीत में बताया अयोध्या नगरी में सुख शांति है और अयोध्या निवासी अदालत के फैसले का सम्मान करते हुए इस फैसले से खुश हैं. जिन्हें राजनीति करनी है वह अभी भी अपनी राजनीति चला रहे हैं.
रिव्यू पिटिशन पर बोले अयोध्या सांसदअयोध्या सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि जहां तक बात रिव्यू पिटिशन की है तो नेताओं की राजनीति ही इन्हीं मुद्दों पर चलती है. इसलिए वह ऐसे बयानबाजी करते रहते हैं.
अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माणईटीवी के सवाल पर कि क्या अयोध्या में मंदिर का जो प्रारूप या मॉडल वीएचपी ने तैयार किया था, उसी के समान मंदिर होगा, इस पर उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट को बनाना है, किसी पार्टी को नहीं और ट्रस्ट बनने के बाद मंदिर का जो स्वरूप तय करना होगा वह ट्रस्ट ही करेगा, लेकिन हां इतना तय है कि अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण होगा.
अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्टअयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अयोध्या नगरी के विकास पर भी काम चल रहा है, क्योंकि आने वाले दिनों में यह राम की नगरी एक अंतरराष्ट्रीय डेस्टिनेशन भी बनने जा रही है.
ट्रस्ट में कौन होंगेउन्होंने कहा कि जहां तक सवाल ट्रस्ट में उनके होने न होने का है तो यह सरकार ही डिसाइड करेगी. हमें बस मंदिर निर्माण से मतलब है. ट्रस्ट में कौन होंगे, इसका निर्णय सरकार को करना है. उन्होंने कहा कि अब अयोध्या पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, जहां तक साधु-संतों की मांग की बात है, साधु संतों ने भी मांग उठाई थी कि अयोध्या में फैसला हो चुका है और रामलला जिस त्रिपाल में है, वह काफी पुराना हो चुका है और जब तक भव्य मंदिर का निर्माण नहीं होता रामलला के लिए समुचित व्यवस्था करनी चाहिए.
ज्यादा दिनों तक त्रिपाल में नहीं रहेंगे रामलला इस पर उनका कहना है कि यह दिक्कतें हैं, मगर अब थोड़े ही दिनों की बात है और अब रामलला ज्यादा दिनों तक त्रिपाल में नहीं रहेंगे. अदालत के फैसले के अनुरूप मंदिर बनने के बाद ही रामलला को मंदिर में स्थापित किया जाएगा.