अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में इन दिनों भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. मंदिर बनाने के लिए बुनियाद डालने का काम भी आधा किया जा चुका है. इसके अलावा अन्य कार्य भी तेजी से कराए जा रहे हैं. इस दौरान राम जन्मभूमि परिसर में बन रहे रामलला के मंदिर का गर्भ गृह को सोने का बनाने की मांग उठी है. यह मांग राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े संतोष दुबे ने उठाई है. बता दें कि संतोष दुबे को विवादित ढांचे के ध्वंस के आरोपियों के रूप में जाना जाता है. सीबीआई ने विवादित ढांचे के ध्वंस में संतोष दुबे को भी आरोपी बनाया गया है. संतोष दुबे ने एक पत्र लिखकर देश के प्रधानमंत्री से मांग की है कि अयोध्या में भगवान राम को सोने के गर्भ गृह में विराजमान किया जाए.
विवादित ढांचा विध्वंस के आरोपी रहे संतोष दुबे का कहना है कि 500 वर्षों बाद जब यह मंगल बेला आई है तो भगवान राम का मंदिर दिव्य और भव्य बनना चाहिए. राम मंदिर निर्माण के लिए लाखों लोगों ने अपने प्राण गवां दिए और लाखों लोग विकलांग हो गए. लाखों मां-बहनों का सुहाग उजड़ गया. ऐसे में जब 500 वर्षों बाद ऐसा सुखद समय आया है तो अयोध्या में भगवान राम का मंदिर दिव्य और भव्य होना चाहिए. भगवान राम ने जिस जगह पर जन्म लिया था वह गर्भ ग्रह सोने का होना चाहिए. संतोष दुबे ने कहा कि राम मंदिर के लिए देशवासियों ने जब अरबों रुपए दान दिए हैं तो गर्भ गृह सोने का बनाने के लिए भी देशवासी पीछे नहीं हटेंगे. संतोष दुबे ने कहा कि भगवान श्री राम का मंदिर भगवान श्री राम की गरिमा के अनुरूप ही होना चाहिए. गर्भ गृह सोने का बनाया जाए यह हिंदू जनमानस की भावनाएं हैं जो उभरकर सामने आ रही है.
रामलला के गर्भ गृह को सोने का बनाने की उठी मांग, PM मोदी को लिखा पत्र
विवादित ढांचा विध्वंस के आरोपी रहे संतोष दुबे का कहना है कि 500 वर्षों बाद यह मंगल बेला आई है तो भगवान राम का मंदिर दिव्य और भव्य बनना चाहिए. भगवान राम का मंदिर उनकी गरिमा के अनुसार ही होना चाहिए. इसके लिए उन्होंने PM मोदी को पत्र भी लिखा है.
रामलला के गर्भ गृह को सोने का बनाने की उठी मांग
इस दौरान उन्होंने राम मंदिर जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास पर कुछ आरोप भी लगाए. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण निर्मित बनाने के लिए एक अलग से समिति बनाई जानी चाहिए, जिसमें ट्रस्ट के शख्स और ईमानदार छवि के लोगों को शामिल किया जाना चाहिए ताकि पूर्व की तरह जमीन खरीद जैसा घोटाला ना हो.