अयोध्या :ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र सरयू नदी में स्नान करने के बाद पूरे दिन मंदिरों में दर्शन पूजन का क्रम जारी रहा. देर शाम इस 15 दिवसीय महा उत्सव की आखिरी रंगारंग शाम रही. इसमें अयोध्या के मंदिरों में पड़े झूलों पर विराजमान भगवान राम सीता के विग्रहों को भावपूर्ण गीतों के माध्यम से श्रद्धा निवेदित की गई.
राम जन्मभूमि में रामलला को झूला झुलाने के साथ समाप्त हुआ अयोध्या का प्रसिद्ध सावन झूला मेला तोरी सांवरी सुरतिया मनोहारी रे तोहे देख मैं अपना सब हारी रे..जैसे भावपूर्ण गीतों की प्रस्तुति के साथ राम नगरी अयोध्या में चल रहा 15 दिवसीय सावन झूला मेला सावन पूर्णिमा की शाम समाप्त हो गया. ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र सरयू नदी में स्नान करने के बाद पूरे दिन मंदिरों में दर्शन पूजन का क्रम जारी रहा.
देर शाम इस 15 दिवसीय महा उत्सव की आखिरी रंगारंग शाम रही जिसमें अयोध्या के मंदिरों में पड़े झूलों पर विराजमान भगवान राम सीता के विग्रहों को भावपूर्ण गीतों के माध्यम से श्रद्धा निवेदित की गई. इसके साथ ही अयोध्या के करीब 5000 मंदिरों में चल रहे सावन झूला मेला 2021 का समापन हो गया.
राम जन्मभूमि में रामलला को झूला झुलाने के साथ समाप्त हुआ अयोध्या का प्रसिद्ध सावन झूला मेला अयोध्या के 5 हज़ार मंदिरों में चल रहा रहा झूलनोत्सव अयोध्या के प्रसिद्ध श्री राम जन्मभूमि, कनक भवन, राम वल्लभा कुंज, दिव्य कला कुंज सहित राम नगरी के सभी मंदिरों में बीते 15 दिनों से सावन झूला मेला उत्सव चल रहा था. इस उत्सव के दौरान मंदिरों में झूले डाले गए थे जिनपर भगवान राम सीता को विराजमान किया गया था. राम नगरी में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है.
यह भी पढ़ें :आज का पंचांग : जानिए, किस राशि में चंद्रमा का होगा संचार, कब तक रहेगा राहु काल
प्रत्येक वर्ष सावन महीने में 15 दिवसीय झूलन उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इस वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए श्रद्धालुओं को अयोध्या न आने की अपील की गई थी. इसके कारण अयोध्या में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की अपेक्षा बीते 2 वर्ष पूर्व की संख्या से कम रही. बीते वर्ष की जगह इस वर्ष राम नगरी के मंदिरों में रौनक लौट आई.
राम जन्मभूमि में रामलला को झूला झुलाने के साथ समाप्त हुआ अयोध्या का प्रसिद्ध सावन झूला मेला मंदिरों में कत्थक कलाकारों के घुंघुरुओं ने लौटाई रौनक पिछले वर्ष कोरोना के खतरे को देखते हुए सावन झूला मेले पर प्रतिबंध लग गया था. इसके कारण मंदिरों में सन्नाटा पसरा रहा लेकिन इस वर्ष मई महीने में कोरोना से हुई तबाही के बाद संक्रमण की रफ्तार कम होने के कारण मंदिरों में रौनक लौट आई. शाम ढले मंदिरों में कत्थक कलाकारों के घुंघरू की आवाज गूंज उठी.
राम जन्मभूमि में रामलला को झूला झुलाने के साथ समाप्त हुआ अयोध्या का प्रसिद्ध सावन झूला मेला 15 दिनों तक उत्सव मनाया जाता रहा. अयोध्या के राज्य परिवार में परंपरागत रूप से बांके बिहारी की झांकी सजाई गई. इसे देखने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. सावन मेले की आखिरी शाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने झूले पर विराजमान युगल सरकार के दर्शन पूजन कर अपने जीवन को कृतार्थ किया इसी के साथ सावन झूला मेला 2021 समाप्त हो गया.
राम जन्मभूमि में रामलला को झूला झुलाने के साथ समाप्त हुआ अयोध्या का प्रसिद्ध सावन झूला मेला