अमरोहा: जनपद तिगरी में लगने वाला ऐतिहासिक मेला इस बार बेहद खास रहेगा, क्योंकि पिछली बार कोरोना काल की वजह से यह मेला नहीं लग पाया था. गंगा किनारे रेती पर तंबुओं का शहर बस गया है और लोगों में हर वर्ष से ज्यादा इस बार इस मेले के लिए उत्साह देखने को मिल रहा है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन महाभारत काल से गंगा में दीपदान करने की परंपरा है. इसमें बताया जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों के साथ तिगरी में पहुंचकर महाभारत के युद्ध में मारे गए लोगों की आत्म शांति के लिए दीपदान किया था, तभी से यह परंपरा चलती आ रही है. पिछले वर्ष कोरोना काल की वजह से यह ऐतिहासिक मेला नहीं लग पाया था. मेला न लगने से लोगों ने सरकार के खिलाफ नाराजगी भी जताई थी, लेकिन इस बार यह ऐतिहासिक मेला लग रहा है.
आज यानी 14 नवंबर को छठ पूजा के दिन इसका शुभारंभ होगा. शनिवार को लोग ट्रैक्टर ट्रॉली से अपने तंबू के डेरे डालने के लिए पहुंच गए और गंगा रेत की इस पावन भूमि पर तंबुओं का शहर जगमगाने लगा. जैसे कि कोई अलग नजारा देखने को मिल रहा है. इस बार मेला बेहद खास रहेगा, क्योंकि बताया जाता है कि इस बार 25 लाख श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के लिए आएंगे और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए दीपदान करेंगे. 18 नवंबर की शाम दीपदान होगा. इसमें कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान 19 नवंबर को होगा, लेकिन इस बार दीपदान में गंगा किनारे का नजारा बीते सालों के मुकाबले अलग होगा. इस साल कोरोना काल की वजह से मौतों का आंकड़ा ज्यादा है, ऐसे में दीपदान के लिए भीड़ ज्यादा रहेगी, माहौल भी गमगीन रहेगा.
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प्रशासन ने मेले के लिए कड़ी सुरक्षा एवं बंदोबस्त किए हैं. श्रद्धालुओं को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. प्रशासन ने इस बार कम समय में मेले का कार्य पूर्ण किया है. मेले का शुभारंभ छठ पूजा के दिन आज शाम 3 बजे किया जाएगा. शुभारंभ में जिला अधिकारी बीके त्रिपाठी एवं पुलिस अधीक्षक पूनम द्वारा मुरादाबाद आईजी एवं कमिश्नर को इस शुभारंभ पर आमंत्रित किया जाएगा.