अमरोहा: पतित पावनी मां गंगा की जलधारा में गोते लगाए श्रद्धालु और घाट पर जुटी भीड़ के बीच बच्चों के सिर के बाल मुंडवाने का नजारा रविवार को तिगरी धाम में देखने को मिला. श्रद्धालुओं की जुटी भीड़ कार्तिक पूर्णिमा मेले की झलक दिखा रही थी. हालांकि यह चहल-पहल पूर्णिमा पर लगने वाले गंगा मेले में जुटने वाली भीड़ के हिसाब से बेहद कम थी.
श्रद्धालुओं ने ईटीवी भारत से की बातचीत. प्रशासन के मना करने के बावजूद पहुंचे श्रद्धालु
बता दें कि कोविड-19 के चलते तिगरी व गढ़मुक्तेश्वर में लगने वाला गंगा मेला स्थगित कर दिया गया है. इसी कारण इस बार गंगा में स्नान करने और बच्चों के मुंडन कराने पर भी प्रशासन ने रोक लगा दी. मगर रविवार को 2:00 बजे के बाद श्रद्धालुओं ने बच्चों का मुंडन भी कराया और गंगा में स्नान भी किया. प्रशासन के लगातार मना करने के बावजूद भी श्रद्धालु नहीं माने.
प्रशासन ने झोपड़ियों और दुकानों को हटवाया
शनिवार को प्रशासन ने गंगा घाट से पुरोहितों के तख्त, झोंपड़ियों और दुकानें तक हटवा दी थीं. इस तरह से इन्हें खाली कार्तिक पूर्णिमा मेले पर कराया जाता है. ताकि अधिक संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं को स्नान करने में कोई दिक्कत न हो. इस घाट पर रविवार को मेले की रौनक नजर आई. पुलिस की सख्ती की खबरों को सुन कुछ श्रद्धालु पर्व से पूर्व ही आस्था की डुबकी लगाने पहुंच गए.
गंगा में स्नान करते श्रद्धालु. 'सरकार का फैसला स्वागत योग्य'
कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करने आए श्रद्धालुओं ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन, जो मेले पर दी गई है, इसकी हम सराहना करते हैं. सरकार ने यह सही कदम उठाया है. क्योंकि मेला तो हम हर साल करते हैं, इस बार नहीं करेंगे तो कोई आपत्ति नहीं आ जाएगी. सरकार के हम फैसले को स्वीकार करते हैं और हम सरकार के बताए हुए नियम के अनुसार यहां पर आए हैं.