अमेठी: जिले के मुसाफिरखाना विकासखण्ड में वृहद गौशाला का निरीक्षण करने पहुंचे एडीओ पंचायत व ग्राम विकास अधिकारी को गौशाला में कार्यरत मजदूरों ने कमरे में बंदकर बंधक बना लिया. कारण यह था कि इन मजदूरों को 13 माह से मजदूरी नहीं मिली है. सूचना पर पहुंचे खण्ड विकास अधिकारी मुसाफिरखाना व पुलिस प्रशासन ने मजदूरों को समझा-बुझाकर शांत कराया.
मामला मुसाफिरखाना क्षेत्र के नेवादा गांव का है. सासंद स्मृति ईरानी ने मई 2019 में किसानों के फसलों को पशुओं से बचाने के लिए वृहद गौशाला का लोकार्पण किया था. इस पशुशाला में बेसहारा पशुओं की देख-रेख के लिए श्रमिकों को रखा गया है, लेकिन इन श्रमिकों को 13 माह से मजदूरी का वेतन नहीं मिला है. वेतन न मिलने के कारण गौशालाा में कार्यरत मजदूरों में आक्रोश व्याप्त है.
शुक्रवार को इसी गौशाला का निरीक्षण करने पहुंचे एडीओ पंचायत अरविंद श्रीवास्तव व ग्राम विकास अधिकारी नरेंद्र यादव को श्रमिकों ने कमरे में बंदकर बंधक बना लिया. सूचना पर पहुंचे खण्ड विकास अधिकारी संत लाल व कोतवाली पुलिस के समझाने बुझाने पर पंचायत अधिकारियों को श्रमिकों ने मुक्त किया.
श्रमिकों की मांग थी कि जल्द से जल्द उनकी मजदूरी का भुगतान किया जाए. मजदूरों ने कहा कि 13 माह से मजदूरी न मिलने की बात बताई जाती है, लेकिन हर बार मजदूरी जल्द ही देने की बात कहकर टाल दिया जाता है. हम लगातार कार्य कर रहे हैं.
नेवादा ग्राम प्रधान घनश्याम पांडेय ने बताया कि गौशाला की बजट में अभी तक कुछ भी नहीं आया है, जबकि ग्राम सभा की बजट से गौशाला की सामग्री खरीदी गई है. अन्य किसी मद में भी अभी तक कोई भुगतान न आने के कारण इन श्रमिकों का भुगतान नहीं किया जा सका. खण्ड विकास अधिकारी संत लाल का कहना है कि मजदूरों को जल्द ही इनकी मजदूरी का भुगतान किया जाएगा.