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धनीपुर मंडी में प्रदर्शन कर रहे सपा नेता गिरफ्तार, कुछ घर में नजरबंद

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में धनीपुर मंडी में प्रदर्शन कर रहे सपा नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. कुछ कार्यकर्ताओं को घर में ही नजरबंद कर दिया गया. वहीं पूर्व सांसद विजेंद्र सिंह ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है.

sp workers protested in aligarh
अलीगढ़ में प्रदर्शन कर रहे सपा नेता गिरफ्तार.

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Published : Dec 12, 2020, 7:58 PM IST

अलीगढ़ :तीन कृषि कानूनों के विरोध में अलीगढ़ में किसान संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया है. एक तरफ जहां भारतीय किसान यूनियन ने मडराक और गभाना टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया तो वहीं समाजवादी पार्टी के नेताओं ने धनीपुर मंडी में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान सपा के जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक को पुलिस ने गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले आई. जबकि सपा के कई नेताओं को घर में ही नजरबंद कर दिया. भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के प्रदेश महासचिव शैलेंद्र पाल सिंह गभाना टोल प्लाजा पहुंचे. जबकि मडराक टोल प्लाजा पर जिलाध्यक्ष बबलू प्रधान के नेतृत्व में कार्यकर्ता प्रदर्शन को पहुंचे. भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि अगर सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती तो 14 दिसंबर को टोल प्लाजा बंद करा दिए जाएंगे.

प्रदर्शन कर रहे सपा नेता गिरफ्तार.
धनीपुर मंडी पर सपा नेताओं का हंगामा
कृषि विधेयक के विरोध में सपा नेता धनीपुर मंडी पहुंचे और वहां पहुंचकर जमकर हंगामा किया. समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गिरीश यादव व पूर्व विधायक ठाकुर राकेश सिंह के नेतृत्व में नारेबाजी की गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. पूर्व सांसद चौधरी विजेंद्र सिंह को भी घर से नहीं निकलने दिया गया. उनके घर के गेट के बाहर पुलिस फोर्स लगा दी गई, जिससे वे गेट के अंदर ही कार्यकर्ताओं के साथ बैठ गए. दिन भर भारतीय किसान यूनियन और सपा के लोगों का प्रदर्शन जारी रहा.

'इस तरह का तांडव अंग्रेजी हुकूमत में भी नहीं हुआ'
पूर्व सांसद चौधरी विजेंद्र सिंह ने कहा कि विपक्ष के नेताओं के घरों पर सुबह से ही फोर्स बैठा दी गई. इस तरह का तांडव अंग्रेजी हुकूमत में भी नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि यूएसए, इंग्लैंड आदि देशों ने किसानों का समर्थन किया है और सरकार से मांगें मानने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कानून बनाने की बात कह रही है तो किसान लाभ लेने से मना कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में कृषि कानून को वापस ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि हम कानून के विरुद्ध काम कर रहे हैं तो प्रशासन हमारे खिलाफ कार्रवाई करें, लेकिन शांति प्रिय तरीके से किसानों का समर्थन कर रहे हैं तो लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग क्यों नहीं करने दिया जा रहा है.

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