अलीगढ़: सीएए और एनआरसी को लेकर एएमयू की पूर्व छात्राएं भी विरोध में उतर आई है. फासीवाद के खिलाफ एएमयू से जुड़ी छात्राओं ने डक प्वाइंट से लेकर बाबे सैयद गेट तक प्रोटेस्ट मार्च निकाला. छात्राओं के साथ इसमें महिलाओं ने भी घर से निकल कर हल्ला बोल के नारे लगाए.
महिलाओं ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि अगर कुछ गलत हो रहा है तो उसके खिलाफ आवाज उठाएं. इस दौरान राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एएमयू प्रॉक्टर को दिया और उनसे एनआरसी और सीएए को वापस लेने की मांग की.
सीएए और एनआरसी के खिलाफ सड़क पर उतरी महिलाएं.
प्रोटेस्ट के जरिए अलीगढ़ की महिलाओं ने यह संदेश दिया कि मुस्लिम औरतें सिर्फ घर में ही नहीं रहती, तीन तलाक तक उनकी बात खत्म नहीं होती. जामिया, जेएनयू और एएमयू छात्रों पर हुई बर्बरता के खिलाफ एएमयू की पूर्व छात्राएं भी विरोध में शामिल हो गई हैं. अब सड़कों पर सिर्फ पुरुष नहीं है बल्कि महिलाएं भी शामिल है. महिलाएं बुर्का, हिजाब और बिंदी लगाकर विरोध मार्च में हिस्सा ले रही हैं. ऐसे में क्या सरकार एक्ट को वापस लेगी.
एनआरसी और सीएए काला कानून है. इससे न सिर्फ अल्पसंख्यक बल्कि गरीब भी प्रभावित होंगे. यह सरकार सिर्फ हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत पैदा करती है. राम मंदिर और ट्रिपल तलाक का मुद्दा खत्म हो गया तो अब नागरिकता संशोधन कानून ले आई है. भाजपा सरकार की पॉलिसी फ्लाप हो चुकी है.
-सुमैया, छात्रा
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