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धुएं और धुंध को रोकने के लिए वन विभाग की बार्डर एरिया में है ब्रदरहुड प्लांटेशन योजना

अलीगढ़ में धूल और धुएं के बादल को रोकने के लिए वन विभाग बार्डर एरिया में वृहद वृक्षारोपण करा रहा है. राजस्थान की तरफ से आनेवाली धूल की आंधियों को रोकने और दिल्ली की तरफ से धुंए और धुंध के बादल को रोकने के लिए बॉर्डर पर पौधा रोपण किया जा रहा है.

पौधारोपण.
पौधारोपण.

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Published : Jun 30, 2021, 4:43 PM IST

अलीगढ़:जनपद में धूल और धुएं के बादल को रोकने के लिए वन विभाग बार्डर एरिया में वृहद वृक्षारोपण करा रहा है. राजस्थान की तरफ से धूल की आंधियों को रोकने और दिल्ली की तरफ से धुंए और धुंध के बादल को रोकने के लिए बॉर्डर पर पौधा रोपण कराया जा रहा हैं. ताकि ग्रीन बेल्ट और विंडब्रेक के जरिए पर्यावरण को स्वच्छ रखा जा सकें. वहीं हरियाणा वन विभाग के साथ मिलकर अलीगढ़ बॉर्डर पर ब्रदर हुड प्लांटेशन की योजना बनाई है. इस योजना के तहत हरियाणा-अलीगढ़ बॉर्डर पर वृहद वृक्षारोपण किया जाएगा. पौधों के रखरखाव के लिए भारत सरकार की कैंपा योजना के तहत पौधों का 3 साल के लिये संरक्षित किया जाएगा. इसके साथ ही जियो टैगिंग के माध्यम से और 'क्विक कैप्चर एप' के जरिए रोपित पौधों का रख-रखाव किया जाएगा.

जानकारी देतीं आईएफएस अदिति शर्मा.

पौधारोपण से धुंध और धुएं के बादल रोकेंगे
अक्सर अक्टूबर और नवंबर महीने में धुंध और धुएं का गुबार बादलों पर छा जाता है. इसे रोकने के लिए वन विभाग हरियाणा और दिल्ली से लगे बार्डर पर पौधे लगा रही है. वन विभाग 36 लाख से अधिक पौधे नर्सरी में तैयार कर लिये है. जो कि 13 नर्सरी में पौधे तैयार हैं. हालांकि जिला वन अधिकारी दिवाकर वशिष्ठ ने बताया कि नर्सरी में करीब 44 लाख पौध मौजूद हैं. जिसे अलीगढ़ जिले में 2,520 स्थानों पर रोपित किया जाएगा. इन पौधों में जामुन, सागौन, आम, नीम , अमलतास, अर्जुन पीपल, पाकड़, बरगद शामिल हैं. खैर तहसील की ऊंटवारा में 6 हेक्टेयर के चारागाह में हरियाणा वन विभाग और अलीगढ़ वन विभाग भाईचारा वृक्षारोपण स्थल की स्थापना की गई है. गभाना में भी वृक्षारोपण का क्षेत्र लिया गया है. अलीगढ़ से लगी हरियाणा के पलवल जिले की सीमा पर वृहद पौधारोपण किया जा रहा है. राजस्थान के डेजर्ट को भी रोकने के लिए बार्डर पर प्लांटेशन किया जा रहा है.

'क्विक कैप्चर एप' से होगा पौधे का रख-रखाव
वन विभाग द्वारा गड्डा खुदान का कार्य पूर्ण कराया गया है. इस बार पौधे के संरक्षण के लिए वन विभाग जियो टैगिंग तकनीकी का प्रयोग कर रहा है. सभी पौध की जियो टैग किये जाने को लेकर प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है. इसके तहत वन विभाग ने 'क्विक कैप्चर एप' तैयार किया है. जिसकी ट्रेनिंग वन विभाग के कर्मियों को दी गई है.इस एप के जरिये जब पिक्चर क्लिक करेंगे. जिसमें क्यू आर कोड स्थापित होगा और जो जीपीएस रीडिंग को भी अंकित करेगा. जिससे फोटो ग्राफ सहित जियो टैगिंग होगी. पौधे के रख रखाव के लिए भारत सरकार की कैम्पा योजना के तहत 3 साल के संरक्षण का प्रोजेक्ट है. जिसमें भारत सरकार से क्षतिपूर्ति होता है. इस योजना के तहत प्लांट के मैंटेनेंस के लिए 3 से 5 साल की योजना हैं. मंडल की वन संरक्षक अदिति शर्मा ने बताया कि प्लांटेशन केवल औपचारिकता न हो, बल्कि पौधों को वृक्षों का रुप देने का प्रयास किया जा रहा है.

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