आगरा:निकाय चुनाव के उम्मीदवारों को लेकर भाजपा की खूब किरकिरी हो रही है. भाजपा के गले की फांस बने शहर के बहुचर्चित कपड़ा कारोबारी शैल कुंद्रा हत्याकांड के आरोपी रहे रवि दिवाकर को वार्ड 40 से उम्मीदवार बनाया गया है. रवि ने पर्चा भी भर दिया है. वो शाहगंज थाना का हिस्ट्रीशीटर है. उसकी हिस्ट्रीशीट की फोटो वायरल हो रही है, जिससे भाजपा की फजीहत हो रही है. इसके साथ ही भाजपा ने मौजूदा पार्षद और अन्य को टिकट नहीं दिया, जिससे भाजपाई अब बगावत करके निर्दलीय मैदान में उतर आए हैं. इससे भाजपा के घोषित उम्मीदवारों की राह मुश्किल लग रही है.
बता दें कि प्रयागराज में माफिया अतीक और अशरफ का शूटआउट कैमरे के सामने हुआ. ऐसा ही आगरा में 13 दिसंबर 2009 को शाहगंज में हुआ था. कपड़ा कारोबारी शैल कुंद्रा की हत्या सीसीटीवी में कैद हुई थी. इसमें आरोपी रहे गड्डा हमीद नगर शाहगंज निवासी हिस्ट्रीशीटर रवि दिवाकर को भाजपा ने वार्ड 40 से अपना प्रत्याशी बनाया है. उसके खिलाफ़ पांच मुकदमे दर्ज हैं. वो थाना शाहगंज का हिस्ट्रीशीटर है.
थाने में लगे बोर्ड के मुताबिक, उसकी हिस्ट्रीशीट नंबर 84 ए है. सोमवार को रवि ने अपना पर्चा भी भर दिया. जब सोशल मीडिया पर थाने में लगा हिस्ट्रीशीटरों का बोर्ड वायरल हुआ तो भाजपा नेताओं ने चुप्पी साध ली. रवि दिवाकर का नाम बोर्ड पर क्रम संख्या 9 पर अंकित है. उसके खिलाफ़ पहला मुकदमा वर्ष 2008 में दर्ज हुआ था. सन 2009 में उसके खिलाफ डकैती के दौरान हत्या और आपराधिक षड्यंत्र की धारा के तहत मुकदमा दर्ज हुआ. यह मुकदमा शैल कुंद्रा हत्याकांड का है. रवि दिवाकर के खिलाफ आखिरी मुकदमा वर्ष 2011 में दर्ज हुआ था. पिछले 12 साल से उसके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है.
जांच कमेटी बनाई
इस बारे में भाजपा महानगर अध्यक्ष भानु महाजन का कहना है कि इस मामले में जांच समिति बना दी गई है. रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी.
नष्ट नहीं होती हिस्ट्रीशीट
रिटायर सीओ बीएस त्यागी बताते हैं कि पुलिस की ओर से जब हिस्ट्रीशीट खोली जाती है तो इसके पीछे मकसद अपराधी पर नजर रखना होता है. जिसकी एक बार हिस्ट्रीशीट खुल गई तो बदमाश के जीते जी हिस्ट्रीशीट का खाका नष्ट नहीं होता है. बदमाश के निष्क्रिय होने पर पुलिस सिर्फ उसकी निगरानी बंद कर सकती है. जबकि, हिस्ट्रीशीट का खाका हिस्ट्रीशीटर की मौत के बाद ही नष्ट होता है.
शैल कुंद्रा हत्याकांड से फैली थी सनसनी