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आगरा: 1001 पोलिंग स्टेशन अतिसंवेदनशील, 50 हजार रुपये से ज्यादा के लेनदेन की लेनी होगी अनुमति - लोकसभा सीट

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद जिला प्रशासन संवेदनशील पोलिंग बूथ की सूची तैयार कर ली हैं. संवेदनशील बूथ पर जिला प्रशासन की विशेष नजर रहेगी. आचार संहिता के दौरान 50,000 से ज्यादा रुपए लाने-ले जाने के लिए अनुमति लेनी होगी. जायज रुपये होंगे और उसके सभी दस्तावेज पूर्ण हैं तो जिला प्रशासन तत्काल अनुमति देगा.

लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन ने की सख्ती

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Published : Mar 12, 2019, 12:01 AM IST

आगरा : लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद जिला प्रशासन ने संवेदनशील पोलिंग बूथ की सूची तैयार कर ली हैं. जिले में 1001 पोलिंग बूथ अति संवेदनशील हैं, जहां पर प्रशासन की विशेष नजर है. जिला प्रशासन से आचार संहिता के दौरान 50 हजार से ज्यादा रुपये लाने- ले जाने के लिए अनुमति लेनी होगी.

लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन ने की सख्ती

जिला प्रशासन का कहना है कि जायज रुपये होंगे और उसके सभी दस्तावेज पूर्ण हैं तो जिला प्रशासन तत्काल अनुमति देगा. इससे चुनाव के दौरान होने वाले रुपयों के काले कारोबार पर अंकुश लगेगा. आगरा और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट हैं. आगरा (सुरक्षित) में जलेसर (एटा) की विधानसभा सीट की आती है. लोकसभा चुनाव में जलेसर विधानसभा को निकाल दिया जाए तो जिले की दोनों लोकसभा सीट पर कुल 3778 पोलिंग स्टेशन हैं. जिन पर 33.08 लाख मतदाता वोटिंग करेंगे. ऐसे में कई ऐसे पोलिंग बूथ पोलिंग स्टेशन हैं, जहां पर बवाल हो सकता हैं.

जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्वक और निष्पक्ष कराने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस कटिबद्ध है. इसके लिए 1001 जिले पोलिंग स्टेशन को अति संवेदनशील की श्रेणी में डाला गया है. अतिसंवेदनशील पोलिंग स्टेशन पर माइक्रो ऑब्जर्वर या स्टैटिक सर्विलेंस के साथ नजर रखी जाएगी. पैरामिलिट्री फोर्स या वीडियो वेबसाइट के जरिए नजर रखी जाएगी. जिलाधिकारी एन जी रवि कुमार ने कहा कि चुनाव के दौरान रुपयों के काले कारोबार को रोकने के लिए लोगों पर विशेष नजर रहेगी.

ऐसे व्यापारी या कारोबारी जो अधिक रुपये लेकर चलते हैं. उन्हें जिला प्रशासन से पहले अनुमति लेनी होगी. इसके साथ ही जिले के लाइसेंस धारक व्यक्ति अपने जल्द से जल्द लाइसेंसी असलाह को जमा करा दें. जो लोग किसी विशेष परिस्थिति के चलते अपने लाइसेंस धारी असलाह को जमा कराना नहीं चाहते हैं. उन्हें एसएसपी की कमेटी के सामने पेश होगा और उस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही उन्हें अपने साथ हथियार रखने की अनुमति दी जाएगा.

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