आगरा: ताजनगरी के एसएन मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) में सुपर स्पेशलिटी विंग बनाने का काम तेजी से चल रहा है. सबकुछ ठीक ठाक रहा तो विंग में मरीजों को अत्याधुनिक रोबोटिक सर्जरी की सुविधा मिलेगी. एसएनएमसी प्रशासन ने रोबोटिक सर्जरी का करीब 35 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर यूपी सरकार को भेजा है. एसएनएमसी प्रशासन को अब इस प्रस्ताव पर शासन की मुहर लगने का इंतजार है. जैसे ही सरकार से हरी झंडी मिली, वैसे ही रोबोट खरीदने और रोबोटिक सर्जरी की तैयारी शुरू हो जाएगी.
बता दें कि, एसएनएमसी में 200 करोड़ से बहुमंजिला सुपर स्पेशलिटी विंग तैयार किया जा रहा है. सुपर स्पेशलिटी विंग में मरीजों को अत्याधुनिक इलाज की सुविधा मिलेगी. इसके लिए एसएनएमसी अब जरूरी उपकरण खरीद रहा है. एसएनएमसी प्रशासन की ओर से रोबोट सहित अन्य अत्याधुनिक उपकरण खरीदने का प्रस्ताव शासन को भेजा है. यहां पर रोबोट से गंभीर मरीजों की सर्जरी करने की योजना बनाई गई है, जिससे आगरा के गंभीर मरीजों को दिल्ली और जयपुर नहीं जाना पड़े.
एसएनएमसी ने रोबोटिक सर्जरी के लिए सरकार को भेजाप्रस्ताव.
चिकित्सकों को कोरोना से बचाएगी रोबोटिक सर्जरी रोबोटिक सर्जरी में चिकित्सक और टेक्नीशियन रोबोट को ऑपरेट करते हैं. चिकित्सक रोबोटिक सर्जरी करते समय मरीज के संपर्क में नहीं आते हैं. इससे जहां चिकित्सक कोरोना संक्रमण सहित अन्य संक्रमण से बचेंगे, इसके साथ ही किसी भी हालात में यहां पर गंभीर मरीजों की सर्जरी की जा सकेगी.
इन गंभीर बीमारियों की होगी रोबोटिक सर्जरी
बता दें कि, कोरोना संक्रमण के चलते अभी एसएनएमसी में सामान्य सर्जरी बंद है. रोबोट आने से एसएनएमसी में सभी तरह के कैंसर, गुर्दा, प्रोस्टेट, गुर्दा प्रत्यारोपण सहित अन्य सर्जरी जा सकती है. रोबोटिक सर्जरी में कम समय की बचत होती है. इसमें सर्जरी के दौरान थ्री डी पर इमेज भी दिखाई देती है, इसलिए रोबोटिक सर्जरी की गुणवत्ता बेहतर होती है.
सर्जन को दी जाएगी ट्रेनिंग
एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. संजय काला का कहना है कि, मैंने रोबोटिक सर्जरी की है. मैं प्रशिक्षण भी दे सकता हूं. वैसे रोबोटिक सर्जरी के ट्रेनिंग के भारत और अन्य देशों में इंस्टीट्यूट हैं. मगर, जो कंपनी रोबोट की आपूर्ति करेगी, उस कंपनी की ट्रेनर ही एसएनएमसी के सर्जन को रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग देंगे. रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग लेप्रोस्कॉपी की तरह होती है. रोबोटिक सर्जरी के लिए सर्जन के साथ ही सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट और अन्य को ट्रेनिंग दी जाएगी.
इन देशों में रोबिटिक सर्जरी पर जोर
एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. संजय काला का कहना है कि, कोरिया, साउथ अमेरिका, जर्मनी सहित कई अन्य देश हैं, जहां पर रोबोट पर बहुत अधिक काम हो रहा है. भारत की बात करें तो यहां पर भी तमाम ऐसे संस्थान हैं, जहां पर रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग की दी जाती है. दिल्ली में ही 75 सर्जरी रोबोट हैं.
'रोबोटिक सर्जरी मंहगी पड़ेगी
'डॉ. संजय काला का कहना है कि, रोबोटिक सर्जरी महंगी होती है. एक सर्जरी का खर्च करीब एक लाख रुपए से डेढ लाख रुपए आती है. मगर, कई सर्जरी ऐसी हैं, जो रोबोट से ज्यादा बेहतर की जा सकती हैं. आने वाले समय में ऐसे रोबोट भी आ रहे हैं, जो सिंगल होल से ही पूरी सर्जरी कर देंगे.
प्रस्ताव पर शासन की मुहर का इंतजार
एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. संजय काला का कहना है कि, एक सर्जरी रोबेट खरीदने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है. सर्जरी का सबसे लेटेस्ट सिस्टम द विंची है. करीब 35 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रोबोटिक सर्जरी के लिए उपकरण खरीदने के लिए शासन को भेजा गया है. शासन से इस प्रस्ताव पर मुहर लगते ही एसएनएमसी में रोबोटिक सर्जरी करने की तैयारी शुरू हो जाएगी.