आगराः सूटकेस पर बच्चे को सुलाकर घसीटती हुई महिला मजदूर का मामला अभी पूरी तरह से गर्म है और इसी बीच जिलाधिकारी आगरा के दावे एक बार फिर फुस्स साबित हुए हैं. आगरा कैंट स्टेशन पर श्रमिक ट्रेनें आने के बाद जिलाधिकारी द्वारा सभी मजदूरों की व्यवस्था के दावे चंद मिनटों में फेल साबित हो गए. यहां प्रवासी मजदूरों को मानक के विपरीत बसों में ठूंस-ठूंसकर उनके घरों को भेजा गया. वहीं पूरे मामले में रोडवेज गलती को प्रशासन के पाले में डालता नजर आया. देर रात जिलाधिकारी का बयान सामने आया है, जिसमें वे सभी मजदूरों की हर व्यवस्था किए जाने का दंभ भरते दिख रहे हैं.
प्रवासी मजदूरों की ट्रेन के आगरा आने पर प्राशासन की लचर व्यवस्था के चलते सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गई. रोडवेज की बसों में 50-50 यात्रियों को बैठाकर अलग-अलग जिलों में रवाना किया गया. बसों में बैठाने का यह काम उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के अधिकारियों ने किया. आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर पांच रेलगाड़ियों से दूरदराज शहरों में फंसे हुए लोग आए. पांचवी ट्रेन महाराष्ट्र से आई और इसमें 1447 यात्री सवार थे.