आगरा: जिले में एक गरीब परिवार में किलकारी गूंजने पर अस्पताल द्वारा बिल के नाम पर दबाव डालकर एक लाख रुपये में बच्चे को बेचने का मामला सामने आया है. मामले में अस्पताल प्रबंधन बच्चे को परिजनों द्वारा मर्जी से गोद देने की बात कह रहा है. मामले में जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने जांच के बाद उचित कार्रवाई करने की बात कही है. घटना की जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को सील कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
थाना एत्माउद्दौला के शम्भू नगर में शिवचरण (44) अपनी पत्नी बबिता (35) के साथ रहता है. शिवचरण के चार बच्चे हैं और वह रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पालता है. उसका बड़ा बेटा जूता कारीगर है और वर्तमान में बेरोजगार है. शिवचरण की पत्नी बबिता जब पांचवीं बार गर्भवती हुई, तो परिवार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्हें दिखाया. शिवचरण के मुताबिक, इसके बाद डिलीवरी से पहले ही उनके घर आशा कार्यकत्री पहुंची और मुफ्त में प्राइवेट अस्पताल में डिलीवरी करवा देने की बात कही. परिवार ने किसी तरह का कोई सरकारी योजना का कागज न होने की बात कही, तो उसने उन्हें अपने द्वारा काम कराने का आश्वासन दिया.