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छात्रा को राष्ट्रपति से मिला था बहादुरी पुरस्कार, अब मानहनि के केस पर हो सकती है जेल

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों बहादुरी पुरस्कार ले चुकी नाजिया खान को अखिलेश सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से नवाजा था. फिर एक निजी टीवी कार्यक्रम में अभिनेता अक्षय कुमार ने भी उनकी तारीफ की थी.

छात्रा को राष्ट्रपति से मिला था बहादुरी का पुरस्कार.

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Published : Feb 9, 2019, 2:40 AM IST

आगरा: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों बहादुरी पुरस्कार ले चुकी आगरा की नाजिया खान को एक वकील के लिए अपशब्द कहना महंगा पड़ गया. अधिवक्ता की शिकायत पर न्यायालय ने मानहानि की धाराओं में मामला दर्ज कर नाजिया को पेश होने के आदेश जारी किए हैं.

आगरा की इंटर की छात्रा नाजिया खान ने अखिलेश सरकार के कार्यकाल में एक 7 साल की स्कूली छात्रा का अपहरण करने वाले बदमाशों से लड़कर बच्ची को बचाया था. इसके बाद नाजिया खान को अखिलेश सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से नवाजा था. फिर एक निजी टीवी कार्यक्रम में अभिनेता अक्षय कुमार ने भी उनकी तारीफ की थी.

इस दौरान नाजिया ने पड़ोस में हो रहे जुए और सट्टे के कारोबारियों के खिलाफ मोर्चा खोला था. अंत में काम बंद करवा दिया था. इसके बाद राष्ट्रपति ने 26 जनवरी 2018 को दिल्ली में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में नाजिया को वीरता पुरस्कार से नवाजा था और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी उनका सम्मान किया था. नाजिया का बीते साल ताजगंज निवासी अधिवक्ता कृपाल सिंह से विवाद हुआ था और उसके बाद नाजिया ने वकील पर मुकदमा दर्ज कराया था.

नाजिया ने वकील कृपाल सिंह को भूमाफिया और गुंडा कहा था. उक्त बयान के वीडियो साक्ष्य के साथ कृपाल सिंह ने न्यायालय में नाजिया के खिलाफ धारा 500 के तहत मानहानि का वाद दाखिल किया था. न्यायालय ने साक्ष्य और गवाही के आधार पर पत्रावली पर विचार करने के लिए न्यायालय में नाजिया को सुनवाई के लिए हाजिर होने के आदेश जारी किए हैं. अधिवक्ताओं के हिसाब से नाजिया को इस मामले में जमानत करानी पड़ेगी और मामला साबित होने पर एक करोड़ के लगभग क्षतिपूर्ति और न करने पर जेल भी हो सकती है.

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