उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

आगरा में अवागढ़ राजपरिवार के सदस्य गिरफ्तार, ये आरोप लगा

न्यू आगरा पुलिस ने शनिवार को अवागढ़ (एटा) राजपरिवार के सदस्य जितेंद्र पाल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. चलिए जानते हैं आखिर उन पर क्या आरोप लगा है.

Etv bharat
Etv bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 27, 2023, 12:06 PM IST

Updated : Aug 27, 2023, 12:16 PM IST

आगरा:राजा बलवंत सिंह (आरबीएस) एजुकेशन सोसाइटी का फर्जी नियुक्त पत्र बनाने के आरोप में न्यू आगरा पुलिस ने शनिवार को अवागढ़ (एटा) राजपरिवार के जितेंद्र पाल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस की कार्रवाई से राजपरिवार में खलबली मच गई है.

एसओ न्यू आगरा राजीव कुमार ने बताया कि धोखाधड़ी में आरोपित जितेंद्र पाल सिंह को अवागढ़ (एटा) किला में दबिश देकर गिरफ्तार किया. आरोप है कि आरोपित जितेंद्र पाल सिंह ने संस्था के पदेन अध्यक्ष जिला जज (तत्कालीन) के फर्जी हस्ताक्षर से कूटरचित नियुक्ति पत्र तैयार करा लिए थे. इसके आधार पर नौ माह तक संस्था में वे उपाध्यक्ष के पद पर रहे. इस दौरान तमाम शिकायतें पर कई विवाद खड़े किए.

डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि अवागढ़ राजपरिवार के अंबरीश पाल सिंह ने अपर पुलिस आयुक्त को एक प्रार्थना पत्र दिया था. इस मामले में मुकदमा पंजीकृत हुआ था. मुकदमे में वादी अंबरीश पाल सिंह ने लिखाया कि बलवंत एजुकेशनल सोसाइटी खंदारी फार्म सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत संस्था है.


सोसाइटी के प्रतिष्ठित महाविद्यालय आरबीएस कॉलेज और आरबीएस इंटर कॉलेज सहित कई शिक्षण संस्थान संचालित हैं. बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में जिला जज पदेन अध्यक्ष हैं. सीएमओ, जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रधानाचार्य आरबीएस कॉलेज, राजा अवागढ़ पदेन उपाध्यक्ष हैं. संस्था में 15 मार्च-1981 को अनिरुद्ध पाल सिंह पदेन उपाध्यक्ष के रूप में चयनित चले आ रहे हैं.

संस्था में राज परिवार के एक अन्य सदस्य जितेंद्र पाल सिंह ने दावा किया कि पदेन अध्यक्ष जिला जज ने 30 अगस्त-2011 को उन्हें उपाध्यक्ष नियुक्त किया था. जितेंद्र पाल सिंह के दावे के इस संबंध में भानु प्रताप सिंह की शिकायत पर जांच हुई. जांच में यह तथ्य सामने आया कि 27 अगस्त 2011 को जितेंद्र पाल सिंह ने उपाध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए एक प्रत्यावेदन पदेन अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत किया था. उक्त पत्र पदेन अध्यक्ष निस्तारण के लिए 30 अगस्त-2011 उसके बाद छह सितंबर-2011 की तारीख नियत की गई.

ये लगाए गए आरोप
अवागढ़ राजपरिवार के अंबरीश पाल सिंह ने मुकदमे में आरोप लगाया कि जितेंद्र पाल सिंह की उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति का 30 अगस्त-2011 का फर्जी और कूटरचित आदेश प्रस्तुत किया गया था. आरोप लगाया कि लाभ पाने के लिए फर्जी आदेश का प्रयोग किया गया. मुकदमे में आरोप लगाया गया कि उन्होंने फर्जी आदेश में जिला जज तत्कालीन पदेन अध्यक्ष के फर्जी हस्ताक्षर किए. इसमें उपाध्यक्ष पद पर अपनी नियुक्ति दर्शाई, यह जानते हुए भी उच्च न्यायालय में याचिका विचाराधीन है.


पुलिस ने बताया कि आरोपित जितेंद्र पाल सिंह अवागढ़ (एटा) के निवासी हैं. वे अवागढ़ किले में रहते हैं. राजा बलवंत सिंह के प्रपौत्र हैं. शिकायतकर्ता अंबरीश पाल सिंह के पिता अनिरुद्ध पाल सिंह के आरोपित जितेंद्र पाल सिंह के चचेरे भाई हैं.

ये भी पढ़ेंः Madurai Train Fire: 22 सालों से बोगी में 'बारूद' लेकर चल रहा था सीतापुर का टूर ऑपरेटर

ये भी पढ़ेंः Honor Killing in Muzaffarnagar: इज्जत की खातिर मां-बाप ने बेटी को मारकर नदी में फेंका

Last Updated : Aug 27, 2023, 12:16 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details