आगरा:ताजनगरी की हवा जहरीली हो रही है. छह जनवरी को देश के प्रदूषित शहरों में आगरा आठवें नंबर पर था. केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की जारी होने वाली एयर इंडेक्स क्वालिटी (एक्यूआई) का था. बीते साल में भी ताजनगरी की हवा बेहद खराब रही. शहर की वायु गुणवत्ता की मॉनिटरिंग सीपीसीबी करता है.
शहर में चार स्टेशन
मॉनिटरिंग करने के लिए शहर में चार स्टेशन ताजमहल, एत्मादउद्दौला, रामबाग और नुनिहाई हैं, जिसके आंकड़ें चौंकाने वाले हैं. ताजमहल और एत्माद्उद्दौला में अति सूक्ष्म कणों (pm 2.5) में वृद्धि हुई है. हालांकि धूल कणों (pm10) और सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मैटर (एसपीएम) की मात्रा में कमी आई है. लगातार पॉल्यूशन बढ़ रहा है, लेकिन आगरा का एयर एक्शन प्लान अभी कागजों में ही दबा हुआ है.
2018 की अपेक्षा वर्ष 2019 में ताजमहल पर pm2.5 की मात्रा बढ़ी
शहर की वायु गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर रहे सीपीसीबी में प्रतिदिन के आंकड़ों के आधार पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के आधार पर हम बात करें तो वर्ष 2018 की अपेक्षा वर्ष 2019 में ताजमहल पर pm2.5 की मात्रा बढ़ी है, जबकि pm10 और एसपीएम में गिरावट आई है. वर्ष 2019 में एत्मादउद्दौला no2 और पीएम 2.5 बढ़े हैं, जबकि पीएम और एसपीएम में गिरावट दर्ज की गई है. विशेषज्ञों की माने तो ताजमहल और एत्मादउद्दौला पर pm2.5 की मात्रा में वृद्धि की वजह वायु प्रदूषण के साथ ही स्मारकों के आसपास हो रही पत्थरों की कटाई और घिसाई है.
एयर एक्शन प्लान बना
आगरा की शुद्ध हवा के लिए एयर एक्शन प्लान भी बनाया गया क्योंकि, आगरा में ताजमहल देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. इसके तहत 1 जून 2019 को आगरा के एक बड़े होटल में तत्कालीन मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय, आगरा कमिश्नर अनिल कुमार के साथ ही पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी और तमाम एजेंसियों के लोगों ने एयर एक्शन प्लान पर चर्चा की. और उसका खाका तैयार किया. लेकिन अभी तक यह एयर एक्शन प्लान हकीकत में जमीन पर नहीं आया है. यही वजह है कि आगरा में लगातार एयर क्वालिटी बिगड़ रही है.
घट रही है हरियाली
आगरा शहर में पहले 40% हरियाली थी. आंकड़ों को देखें तो आज आगरा में सिर्फ 3% हरियाली बची है. वन विभाग की ओर से अभी जो रिपोर्ट जारी की गई है, उसमें खुलासा हुआ है कि आगरा में घना पौधारोपण किया गया, लेकिन फिर भी हरियाली घटी है.
गैस चैंबर बनने की ओर बढ़ रहा आगरा
आरटीआई एक्टिविस्ट और पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता का कहना है कि आगरा विश्व के 10 प्रदूषित शहरों में शामिल है. यह आगरा के अधिकारियों के लिए गर्व की बात है, लेकिन आम जनता के लिए कष्ट और हानिकारक है. पॉल्यूशन से लोगों की मुश्किल बढ़ रही हैं. पॉल्यूशन की वजह से बीमारी बढ़ रही है.