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आगरा बस हाईजैक मामलाः पुलिस मुठभेड़ में  घटना का मास्टरमाइंड घायल

आगरा जिले में बस हाईजैक मामले में पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान एक बदमाश को गिरफ्तार कर लिया है. मुठभेड़ के दौरान बदमाश के पैर में गोली लग गई, जिससे वह घायल हो गया.

आगरा बस हाईजैक
आगरा बस हाईजैक

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Published : Aug 20, 2020, 7:58 AM IST

Updated : Aug 20, 2020, 9:48 AM IST

आगरा: पुलिस की गुरुवार तड़के पांच बजे फतेहाबाद में बस हाईजैक के मास्टर माइंड प्रदीप गुप्ता और उसके साथी से मुठभेड़ हो गई. प्रदीप गुप्ता और उसका साथी जितेंद्र यादव बाइक से फिरोजाबाद जा रहे थे. मुठभेड़ में प्रदीप गुप्ता के पैर में गोली लगी है, मगर जितेंद्र मौके से भाग गया. एक सिपाही भी घायल बताया जा रहा है. पुलिस ने फरार अपराधी की तलाश शुरू कर दी है. जबकि, घायल प्रदीप गुप्ता को अस्पताल में भर्ती कराया है. सूचना पर एसएसपी बबलू कुमार और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं.

आगरा बस हाईजैक

मुठभेड़ में लगी गोली
कार सवार लोगों ने 34 सवारियों के साथ बस हाईजैक करके आगरा से लखनऊ तक खलबली मचा दी थी. 15 घंटे बाद हाईजैक बस इटावा के बलरइ थाना क्षेत्र के लखेरे कुआं पर ढाबे पर बस खड़ी मिली. बस हाईजैक करने में प्रदीप गुप्ता का नाम आया था. आगरा पुलिस ने जब प्रदीप की छानबीन शुरू कर दी. मास्टर माइंड प्रदीप जिला छोड़ने की फिराक में बाइक से साथी के साथ जा रहा था. फतेहाबाद में फिरोजाबाद रोड पर वाहन चेकिंग में वह पकड़ा गया तो पुलिस से भिड़ गया.
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि, गुरुवार सुबह पांच बजे आगरा पुलिस, क्राइम ब्रांच और फतेहबाद पुलिस की घेराबंदी फिरोजाबाद रोड पर बस हाईजैक के मास्टरमाइंड प्रदीप गुप्ता और उसके साथी जितेन्द्र यादव से मुठभेड़ हुई. पुलिस को देखकर दोनों ने फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस टीम ने बचाव में फायरिंग की तो प्रदीप गुप्ता के पैर में गोली लगी है उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके फरार साथी जितेन्द्र यादव और अन्य की तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं.
इटावा मेंआरटीओ का दलाल है प्रदीप गुप्ता
आगरा पुलिस ने जब बस हाईजैक के मास्टरमाइंड प्रदीप गुप्ता की छानबीन और घेराबंदी की तो पता चला कि, इटावा आरटीओ में दलाल है. मार्च 2018 में इटावा पुलिस ने दो एआरटीओ के साथ प्रदीप गुप्ता को जेल भेजा था. वह परिवहन विभाग के फर्जी प्रपत्र तैयार कर रहा था. प्रदीप गुप्ता खुद कई बसों का मालिक है.
यूं की थी बस हाईजैक
डबरा (ग्वालियर, एमपी) निवासी चालक रमेश स्लीपर बस में 34 सवारी लेकर मंगलवार शाम गुरुग्राम से चला. सवारियां मप्र के पन्ना में अमानगंज जानी थी. मंगलवार रात 10.30 बजे दक्षिणी बाइपास पर रायभा टोल प्लाजा के पास बस पहुंची. वहां पर दो कार सवार युवक मिले. उन्होंने खुद को फाइनेंसकर्मी बताकर बस को रुकवाया. चालक रमेश बस से नहीं उतरा और बस आगे बढ़ा दी. इस पर कार सवारों ने पीछा करके मलपुरा क्षेत्र में न्यू दक्षिणी बाइपास पर बस को ओवरटेक करके रोक लिया. चालक और परिचालक को जबरन बस से नीचे उतारकर अपनी गाड़ी में बैठा लिया और बस में चार साथी बैठ गए और खुद ही बस को चलाने लगे.

आगे कार और पीछे बस को लेकर आरोपी ग्वालियर रोड पर सैंया ले गए. सैंया से फतेहाबाद होकर लखनऊ एक्सप्रेस वे पर पहुंचे. यहां एक्सप्रेस वे के नीचे स्थित ढाबे पर खाना खाया इसके बाद परिचालक से सवारियों के रुपये वापस कराए और सवारियों समेत बस लेकर फिर चल दिए. फिर परिचालक के साथ उसे दिल्ली-कानपुर हाईवे पर कुबेरपुर के पास छोड़ गए.

आगरा एसएसपी बबलू कुमार और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. प्रदीप गुप्ता के नेटवर्क के बारे में कुंडली बना रहे हैं. जिससे बस हाईजैक करने वाले हर आरोपी को जेल भेजा जा सके. आरोपी से स्पेशल टीम पूछताछ कर रही है.

Last Updated : Aug 20, 2020, 9:48 AM IST

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