आगरा:जनपद के आगरा कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया. इस आयोजन में हरियाणा के जैकब हरमीत सिंह की हस्तलिखित 109 किलोग्राम वजन की रामचरितमानस आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यह धार्मिक पुस्तक तीन भाषाओं में लिखी है, जो विश्व की सबसे बड़ी और वजनी रामचरितमानस में शुमार है, जिसे पढ़ना बेहद आसान है, लेकिन एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना मुश्किल भरा काम है.
यह रामचरितमानस जैकब हरमीत सिंह ने 11 माह 15 दिन में लिख करके तैयार की थी. इसमें लिखते समय स्याही में गंगाजल का उपयोग किया गया है. ईटीवी भारत से स्पेशल बातचीत में जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि वह विश्व की सबसे वजनी और बड़ी बाइबिल और गीता लिख चुके हैं. अब उन्होंने कुरान लिखने का काम शुरू कर दिया है.
रामचरितमानस लिखकर विश्व रिकार्ड में कराया नाम दर्ज. पीले मोटे कागज पर लिखी गई है रामचरितमानस
हरियाणा के निवासी 69 वर्षीय जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि यह हस्तलिखित रामचरितमानस 15 इंच मोटी, 23 चौड़ी, 28 इंच लंबाई की है. यह पीले मोटे कागज पर लिखी गई है, जिस पर पॉलीथिन भी चढ़ी है. इस रामचरितमानस में 17 चित्रों को भी सुंदर ढंग से सजाया गया है. प्रत्येक पृष्ठ पर पहले मूल भाषा हिंदी फिर अंग्रेजी में वर्णन किया गया है.
एपीजे अब्दुल कलाम से मिली प्रेरणा
जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि मुझे यह प्ररेणा भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से मिली. इसके बाद ही उन्होंने इस हस्तलिखित बाइबिल, गीता को लिखने का मन बनाया था. वह स्वामी विवेकानंद के भी विचारों से भी प्रभावित हुए और हस्तलिखित बाइबल, गीता और रामचरितमानस लिखना प्रारम्भ कर दिए.
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अनेक अवार्ड से किए गए सम्मानित, अब कुरान लिखने की तैयारी
जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि हस्तलिखित सबसे वजनी बाइबल लिखने का विश्व रिकॉर्ड उनके नाम है. नेशनल रिकॉर्ड भी उनके नाम है और कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. बाइबल, गीता और रामचरितमानस के बाद अब कुरान को लिखने की मेरी प्लानिंग है और मैं उस पर काम भी कर रहा हूं. रामचरितमानस लिखते समय मेरे स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आई थी, इस वजह से देरी हो रही है लेकिन जल्द ही मैं कुरान लिखने पर भी काम शुरु कर दूंगा.
शर्त सुनकर खरीददार हो जाते हैं चुप
जैकब हरमीत सिंह का कहना है कि कई जगह रामचरितमानस को खरीदने के लिए लोग उनके पास आए. रामचरितमानस बेचने के एवज में उनकी डिमांड सुनकर खरीददार कुछ नहीं कहते हैं. उनका कहना है कि रामचरितमानस वह तभी बेचेंगे, जब कोई इसके एवज में अनाथालय बनवाए और गरीब बच्चों के रहने के लिए पूरी व्यवस्था करें और यह रामचरितमानस को वहीं रखेंगे. इस शर्त को सुनकर अधिकतर खरीदार चुप्पी साध लेते हैं.
अहम जानकारी
रामचरितमानस 109 किलोग्राम और 630 ग्राम की है. इसमें 1700 पृष्ठ हैं. इस सबसे बड़ी रामचरितमानस की चौड़ाई 22 इंच और लंबाई 28 इंच है. यह 11 माह 15 दिन में लिखकर तैयार हुई है जिसकी लागत 2 लाख रुपये आई है.