सुलतानपुर : निर्वाचन आयोग की तरफ से मुसलमानों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और इसके बाद उनके प्रचार पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाए जाने के बाद मेनका गांधी का सुर बदल गया है. अब वह मंच से कहने लगी है कि मैं किसी की जाति और वर्ग नहीं पूछती हूं. मैं यह भी नहीं पूछती कितने वोट दिया है और किसने क्या किया है. मुझे बस दूसरे की तकलीफ सामने आने पर उपचार करने का अपना कर्तव्य ही दिखाई देता है.
निर्वाचन आयोग के प्रतिबंध के बाद बदले मेनका गांधी सुर
निर्वाचन आयोग की तरफ से मुसलमानों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और इसके बाद उनके प्रचार पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाए जाने के बाद मेनका गांधी का सुर बदल गया है. अब वह मंच से कहने लगी है कि मैं किसी की जाति और वर्ग नहीं पूछती हूं. मैं यह भी नहीं पूछती कितने वोट दिया है और किसने क्या किया है. मुझे बस दूसरे की तकलीफ सामने आने पर उपचार करने का अपना कर्तव्य ही दिखाई देता है.
'मैं नहीं पूछती जाति और वोटर, बस तकलीफ का करती हूं निवारण : मेनका गांधी
आखिर मेनका गांधी ने क्या कहा:-
- मैं मां हूं इसलिए करती हूं लोगों की समस्याओं का समाधान.
- मुफ्त खून दिलाया, हंसते हुए घर गया परिवार.
- महिला शक्ति को जगाया, बोली मेनका एकजुट होकर करिए मतदान.
- लोग अपने आप महिला शक्ति से डरेंगे.
- महिलाओं को कराया उनकी शक्ति का एहसास.
- मेनका बोली 51 फ़ीसदी है आपकी हिस्सेदारी.
- लोगों की समस्याओं के निदान करने से ही लगातार पीलीभीत से जीतती रही.