वाराणसी: बनारस सियासत के मामले में अब काफी आगे निकलता जा रहा है. धर्म और आस्था की नगरी होने के बाद सियासी समीकरण के लिए बनारस को हर कोई साधने की कोशिश करता है. माना जाता है कि जिसने बनारस साधा उसने पूर्वांचल की तमाम सीटों को भी साथ लिया. शायद यही वजह है कि लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव या फिर स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन की प्रक्रिया हर चुनाव में बनारस से सियासी समीकरण सेट करने की कोशिश हर राजनैतिक दल करता है.
वर्तमान में एमएलसी चुनाव (UP MLC Election 2022) की अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन की प्रक्रिया जारी है. बनारस की सीट पर पिछले 24 साल से एक बाहुबली परिवार का ही कब्जा है. यह बाहुबली परिवार पूर्वांचल के नामी बृजेश सिंह का है वर्तमान में बृजेश सिंह एमएलसी हैं. इस बार भी नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद बृजेश सिंह और उनकी पत्नी अन्नपूर्णा से दोनों का नामांकन दाखिल हो चुका है.
नामांकन दाखिल करने के लिए बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा बुधवार को पहुंची थीं. यहां उन्होंने अपना और पति दोनों का नामांकन पत्र दाखिल किया. बताने की वजह से वर्तमान में वाराणसी के सेंट्रल जेल में बंद है और कई मामलों में अभी उन पर मामले विचाराधीन हैं. पिछले 24 साल से उनका ही परिवार इस सीट पर काबिज रहा है. बृजेश के बड़े भाई उदय नाथ उर्फ चुलबुल सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर दो बार एमएलसी रह चुके हैं. वहीं बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह बसपा के टिकट पर एमएलसी रह चुकी हैं. 2016 में खुद बृजेश सिंह ने अपनी किस्मत आजमाई और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को शिकस्त देकर एक बार फिर से अपने परिवार का दबदबा इस सीट पर बरकरार रखा.
बुधवार को बृजेश सिंह और उनकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह का नामांकन पत्र दाखिल किया गया. बृजेश जेल में है और उनका नामांकन पत्र उनकी पत्नी ने दाखिल किया. जब फरवरी के महीने में एमएलसी चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हुई थी. उस वक्त बृजेश और उनकी पत्नी अन्नपूर्णा दोनों ने नामांकन के लिए पर्चे खरीदे थे. एक बार फिर से बृजेश के नामांकन को लेकर राजनैतिक सरगर्मी ज्यादा तेज हो गई है.